हत्या के मामले में बंद कैदी को भगाने में उस पर साजिश का है आरोप

विवेचना में पोल खुलने के बाद से ही अब तक चल रहा है फरार

मऊ में ट्रांसफर कराने के बाद वहां भी नहीं ज्वाइन किया ड्यूटी

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KAUSHAMBI: हत्या के केस में बंद जिला कारागार से दो माह पूर्व फरार बंदी दीपक पांडेय प्रकरण में डिप्टी जेलर डीके सिंह की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया गया है। जिले की पुलिस उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई का तानाबाना बुनने में जुट गई है। हालांकि घटना के बाद उनका तबादला मऊ जिले के लिए हो गया है, पर उन्होंने अपनी नई तैनाती स्थल मऊ में भी ड्यूटी ज्वाइन नहीं की।

दो माह पूर्व भागा था बंदी

कौशांबी के जिला कारागार में बंद हत्या के आरोपी दीपक पांडेय करीब दो महीने पहले जेल सुरक्षा कर्मियों की मदद से भाग गया था। उस समय मामले में जेल प्रशासन ने बंदीरक्षक सुनील गौड़, अवधेश कुमार सहित दीपक के खिलाफ मंझनपुर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। विवेचना के दौरान प्रकरण में पुलिस ने डिप्टी जेलर डीके सिंह और हत्या के मामले में ही बंद ओसा गांव के सुशील मिश्र को षड़यंत्र रचने का आरोपी पाया। अवधेश और सुनील जेल भेज दिए गए हैं।

अब होगी कुर्की की कार्रवाई

सुशील मिश्र पहले से ही जेल में बंद है। फरार बंदी दीपक को भी पुलिस ने पकड़ लिया है। मगर पुलिस के हर पैतरे से अच्छी तरह वाकिफ डिप्टी जेलर डीके सिंह अब भी फरार ही है। उसे पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई। गिरफ्तारी को लेकर पुलिस हाथ पांव चला ही रही थी कि इस बीच डिप्टी जेलर ने अपनी पहुंच का प्रयोग करते हुए खुद का तबादला मऊ जिले के कारागार में करवा लिया। तबादला कराने के बाद भी उसने वहां पर ड्यूटी ज्वाइन नहीं की। तब से आज तक वे पुलिस की नजरों को गच्चा दे कर फरार चल रहा है। हाल ही में पुलिस प्रशासन ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया है। मंझनपुर कोतवाली के वरिष्ठ उप निरीक्षक विनोद यादव ने कहा कि डीके सिंह अब भगोड़ा घोषित हो चुका है। अब उनके खिलाफ गिरफ्तारी के लिए पुलिस अब कुर्की जैसी कार्रवाई करेगी।