2010 में भी हुआ था जानलेवा हमला

पुलिस की निगाह में चढ़े इंदिरा की सम्पत्ति के वारिस

ALLAHABAD: पुलिस विभाग में डीएसपी के पद पर तैनात रहे पति अर्जुन सिंह की मौत के बाद लाखों की संपत्ति की अकेली मालकिन इंदिरा सिंह पिछले कई सालों से बदमाशों के निशाने पर थीं। 2010 में भी इंदिरा सिंह पर जानलेवा हमला हुआ था। चाकू से वार कर उन्हें लहूलुहान किया गया था। किस्मत की धनी इंदिरा सिंह ने उस दौरान मौत को भी मात दे दी थी। लेकिन, बार ऐसा नहीं हुआ। इस बार अस्पताल पहुंचने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया।

कौन है जिसने बनाया निशाना

डीएसपी अर्जुन सिंह की पत्नी इंदिरा सिंह की हत्या के पीछे की वजह लूट, डकैती या फिर छिनैती नहीं बल्कि संपत्ति का विवाद या फिर कुछ और है? यह तो पुलिस की जांच पूरी होने और हत्यारों की गिरफ्तारी के बाद सामने आएगा। लेकिन, 2010 से ही उन्हें मौत के घाट उतारने की साजिश रची जा रही है। गुरुवार की भोर में हुई इंदिरा सिंह की हत्या के यह सवाल फिर उठ खड़ा हुआ कि कौन है जो इंदिरा की जान के पीछे पड़ा हुआ था। एक्चुअली इंदिरा सिंह का मकान पटेल चौराहे पर स्थिति है। लम्बे-चौड़े मकान में नीचे कटरा है और ऊपर दुकानें। हजारों रुपए किराया प्रत्येक महीने आता था। मकान की कीमत भी करोड़ों में पहुंच चुकी है। इंदिरा दम्पति की अपनी कोई संतान नहीं है। यानी करोड़ों की सम्पत्ति के अब रिश्तेदार ही दावेदार हो गए हैं। उनका एक भतीता भी साथ रहता है। उसका कहना है कि उसे मौत का पता ही नहीं चला। यह जवाब पुलिस के भी गले के नीचे नहीं उतर रहा है। पुलिस की जांच के दायरे में रिश्तेदार भी आ गए हैं, जिनको इंदिरा के बाद सम्पत्ति मिलनी है।

निशाने पर बुजुर्ग

1.

17 फरवरी 2016 को जानसेनगंज चौराहे पर रहने वाली महिला कारोबारी 62 वर्षीय आशा चौरसिया पर अज्ञात बदमाशों न जानलेवा हमला किया था। चाकू से उनके शरीर पर कई वार किए थे। चेहरे पर जख्म हुआ और जबड़ा टूट गया। इसके बाद भी बहादुर महिला ने बदमाशों का सामना किया। अब वह खतरे से बाहर हैं लेकिन अपराधी छुट्टा घूम रहे हैं।

2.

ईसीसी कॉलेज के 83 वर्षीय रिटायर्ड टीचर ई पीटर को 20 अगस्त 2015 को मौत के घाट उतारा गया। कॉलेज कैंपस में ही अकेले रह रहे रिटायर्ड टीचर की लाश कमरे में मिली थी। पुलिस आज तक इस हत्याकांड का खुलासा नहीं कर सकी है।

3.

छह अगस्त 2014 की रात रामबाग इलाके में रहने वाले मिलेट्री के ठेकेदार सुरेंद्र भल्ला और उनकी पत्‍‌नी कमला भल्ला की हत्या कर दी गई थी। बच्चों के बाहर होने से यह दम्पत्ति घर पर अकेले रहते थे।

4.

दरभंगा कालोनी में घर में अकेले रहने वाली क्रास्थवेट स्कूल की पूर्व प्रिंसिपल की घर में ही हत्या कर दी गई। बाद में खुलासा हुआ कि नौकर ही उनकी जान का दुश्मन बन गया था।

5.

2012 में डीआईजी पीके श्रीवास्तव के पिता का कत्ल कर दिया गया था। जिन्हें किसी और ने नहीं बल्कि घर के नौकर ने ही मारा था। जिसे उन्होंने रंगे हाथ चोरी करते हुए पकड़ लिया था।