PATNA (30 Jan): बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के दर्द पर उनके दामन का दाग भारी पड़ रहा है। कभी लाव लश्कर के साथ चलने वाली यह महिला अदालत में गिड़गिड़ाती रही लेकिन महिला जज पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। मंजू वर्मा ने अपनी बीमारी का हवाला देते हुए यहां तक कह दिया कि अब और दर्द नहीं सहा जा रहा है। अगर इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं हो तो मुझे सल्फास ही दे दिया जाए। वह पिछले साल 20 नवंबर से ही आ‌र्म्स एक्ट में बेगूसराय मंडल कारागार में बंद हैं और बुधवार को उन्हें मंझौल कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया गया था।

कड़ी सुरक्षा में हुई पेशी

बुधवार को पूर्व मंत्री मंजू वर्मा और उनके पति चंद्रशेखर वर्मा को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मंझौल अनुमंडलीय न्यायालय में पेशी के लिए लाया गया था। चंद्रशेखर वर्मा भी इसी मामले में पिछले साल 29 अक्टूबर से जेल में बंद हैं। बीमारी का हवाला देकर पूर्व मंत्री काफी गिड़गिड़ाने के साथ महिला जज को एक महिला का दर्द समझाने में लगी रहीं लेकिन उनकी दाल नहीं गली और लाख दुहाई के बाद भी अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संगीता रानी ने सुनवाई के बाद पेशी की अगली तारीख तय कर दोनों को वापस जेल भेज दिया। जज ने मेडिकल बोर्ड द्वारा बीमारियों से संबंधित प्रतिवेदन और अधिवक्ता द्वारा न्यायालय में दाखिल अर्जी का अवलोकन किया।

 

मंजू वर्मा- आप महिला हैं और एक महिला का दर्द समझ सकती हैं। अब दांत और शरीर के अन्य हिस्सों में हो रहे दर्द को सहने की शक्ति जवाब देने लगी है। पहले से हाईपर टेंशन से परेशानी थी और अब लगातार दर्द निवारक दवाइयों के इस्तेमाल से किडनी भी खराब हो रही है। इलाज की समुचित व्यवस्था हो या मुझे सल्फास दे दिया जाए।

जज - मेरे हाथ बंधे हुए हैं।

मंजू वर्मा - बिफरते हुए कहा कि बताया जाए कि किनके हाथ खुले हैं, हम जहां अपना दर्द बयां करें।

 

क्या है मामला

20 नवंबर से आ‌र्म्स एक्ट मामले में पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा बेगूसराय मंडल कारा में बंद हैं। पूर्व मंत्री व उनके पति चंद्रशेखर वर्मा पर सीबीआई की छापेमारी के दौरान पैतृक घर से कारतूस बरामदगी हुई थी। इस पर चेरिया बरियारपुर थाने में आ‌र्म्स एक्ट के तहत कांड दर्ज कराया गया था। दोनों ने पुलिस दबिश के बाद कोर्ट में आत्मसर्पण कर दिया था।