- मेडिकल कॉलेज बवाल में जांच आयोग की सुनवाई में गुरुवार को पूर्व एसएसपी यशस्वी यादव देगें बयान

- सांप्रदायिक दंगे की थ्योरी पर पहले ही उठ चुके हैं सवाल

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KANPUR : मेडिकल कॉलेज बवाल की सुनवाई में गुरुवार को पूर्व एसएसपी यशस्वी यादव के बयान दर्ज होगे। बवाल के अगले दिन से पुलिस की ओर से सांप्रदायिक दंगे और पेट्रोल पंप पर आग से होने वाले हादसे की की थ्योरी पेश की जा रही है।

प्रिडिक्टिबल हो गई है सुनवाई

मेडिकल कॉलेज बवाल की न्यायिक जांच की शुरुआत को छोड़ दे तो मौजूदा सुनवाई में सब कुछ काफी प्रिडिक्टबल हो गया है। पुलिस पक्ष की ओर से पेश किए गए कई गवाहों ने रटेरटाए बयान ही दिए हैं। प्रेस क्लब के जो पदाधिकारी पुलिस के पक्ष में बयान देने गए थे उनके बारे में पहले से सबको पता था कि वो क्या बोलने वाले हैं और क्यों।

पूर्व एसएसपी यशस्वी यादव का कहना है कि अगर वो कार्रवाई न करते तो वहां साम्प्रदायिक दंगा भड़क सकता था। हालांकि विधायक के समर्थक ही इस दावे के विरोध में बयान दे चुके हैं। गिरफ्तार और पीटे गए डॉक्टर्स में अल्पसंख्यक समुदाय के स्टूडेंट्स भी थे। जहां तक पेट्रोल पंप में आग लगने के खतरे की बात है तो जब पुलिस वहां पहुंच गई और स्टूडेंट्स भाग गए उसके बाद किस आग के डर से कैम्पस में घुस कर स्टूडेंट्स को पीटा गया ये बड़ा सवाल है। खास कर तब पीटने में प्रोफेसर को भी न बख्श्ा गया हो।

प्रशासन ने पल्ला झाड़ा

मेडिकल कॉलेज में बवाल के दौरान पुलिस बिना प्रशासन की अनुमति के कैंपस में कैसे घुस गई इस पर प्रशासनिक अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है। सभी मामला सबज्यूडिस होने की बात कह कर पल्ला झाड़ रहे हैं। एडीएम सिटी अविनाश सिंह से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि एसीएम म् से पूछिए और एसीएम म् ने कहा कि मैं कुछ नहीं बोलूंगा।