- आंखों में नहीं कंधों और सिर पर भी होता है असर

- धुंधलापन और लाली के साथ दो-दो चीजें दिखना आम सिंप्टम

GORAKHPUR: कहीं ध्यान नहीं लग पा रहा है या फिर सिर में दर्द बना हुआ है। आंखों में जलन है, लाली है या फिर गर्दन और कंधे भी दर्द की वजह से परेशानी बढ़ा रहे हैं, तो फौरन ही आप किसी आई स्पेशलिस्ट को जाकर दिखा लें। यंग जनरेशन को होने वाली इन सबसे कॉमन प्रॉब्लम का सबब कोई और नहीं हाईटेक व‌र्ल्ड के हाईटेक गैजेट्स कंप्यूटर और मोबाइल हैं। मोबाइल और कंप्यूटर गोरखपुराइट्स को 'कंप्यूटर विजन सिंडरोम' का शिकार बना रहा है। इसमें करीब 70 फीसद प्रॉब्लम यंग जनरेशन को हो रही है। इसकी चपेट में आने वाले यंगस्टर्स 10 से 25 साल के यूथ हैं। अगर हम अब भी नहीं चेते, तो हमारी अनमोल आंखें किसी काम की नहीं रहेंगी और जब हमें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होगी, यह हमारे काम नहीं आ सकेंगी।

एक्सेसिव इस्तेमाल बढ़ा रहा है परेशानी

यंग जनरेशन में अब सभी के हाथों में मोबाइल है। पढ़ाई का बहाना हो या फिर टाइमपास सबके लिए मोबाइल और कंप्यूटर का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। इसकी वजह से प्रॉब्लम से प्रभावित लोगों की तादाद लगातार बढ़ रही है। डॉक्टर्स की बात मानें तो पिछले तीन सालों में सीवीएस के प्रभावित मरीजों की तादाद में करीब 25 से 35 परसेंट तक इजाफा हुआ है। इसमें भी सबसे ज्यादा संख्या यूथ्य की है। यह यूथ ऐसे हैं, जिन्हें न तो डायबिटीज है और न ही कोई दूसरी प्रॉब्लम, लेकिन कंप्यूटर और मोबाइल का इस्तेमाल करने की वजह से यह बीमारी उन्हें अपनी चपेट में ले ले रही है।

सिर्फ दो घंटा इस्तेमाल ही बढ़ा सकता है प्रॉब्लम

कंप्यूटर विजन सिंडरोम के शिकार यूथ को यह जरूरी नहीं है कि दिनभर मोबाइल इस्तेमाल करने वाले को ही यह बीमारी अपनी चपेट में ले, बल्कि अगर आप या आपका बच्चा, कंप्यूटर स्क्रीन के सामने दो घंटे से ज्यादा का वक्त बिता रहा है, तो इसकी पूरी पॉसिबिल्टी है कि वह सीवीएस से जुड़े सिंप्टम्स का एक्सपीरियंस करने लग जाएं। मोबाइल तो इस मामले में और भी ज्यादा खतरनाक है। ऐसा इसलिए कि इसका इस्तेमाल ज्यादातर रात में या कम रोशनी में ही किया जा रहा है, जिसकी वजह से यह आंखों को कंप्यूटर के मुकाबले कई ज्यादा प्रभावित करता है।

यह हों सिंप्टम्स तो हो जाएं अलर्ट -

सिरदर्द

ध्यान का नुकसान

आंखों में जलन

थकी-थकी आंखें

आंखों में लाली

दो-दो चीजें दिखना

आंख फड़कना

विजन धुंधला होना

गर्दन और कंधों में दर्द होना

कैसे करें बचाव -

- कंप्यूटर का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो अपनी कंप्यूटर स्क्रीन पर एंटी ग्लेयर फिल्टर लगवाएं।

- हर 40-50 मिनट के बाद 5 मिनट का ब्रेक लें।

- 20-20-20 का रूल फॉलो करें, यानि कि हर 20 मिनट पर 20 फीट की दूरी पर 20 सेकेंड के लिए देखें।

- इस पीरियड में पलक जल्दी-जल्दी झपकाएं।

- कंप्यूटर यूज के दौरान पलक कम झपकती है, ब्लिंकिंग की हैबिट बनाए रखें।

- आई स्पेशलिस्ट से रेग्युलर आंखों की जांच कराते रहें।

- स्क्रीन की ब्राइटनेस को सुविधानुसार रखें।

दो-तीन घंटे से ज्यादा कंप्यूटर का इस्तेमाल करने वाला हर शख्स सीवीएस से प्रभावित है। मोबाइल का इस्तेमाल और ज्यादा खतरनाक है। इसलिए जहां तक हो सकें, प्रिकॉशन लें और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह लें।

- डॉ। वाई सिंह, आई स्पेशलिस्ट, संगम आई हॉस्पिटल