दो महीने में शहर के सात डिवीजनों में एक हजार से अधिक बार फीडर से ट्रिप की गई आपूर्ति

ALLAHABAD: प्रदेश सरकार शहरी एरिया में चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति की दिशा में भले ही हर जतन कर रहा हो। हकीकत ये है कि इलाहाबाद के शहरी एरिया के सातों डिवीजन में बिजली आपूर्ति बदहाल हो चुकी है। दो महीने के आंकड़ों पर गौर करें तो म्योहाल, रामबाग, बमरौली, कल्याणी देवी, करेलाबाग, नैनी व टैगोर टाउन डिवीजन के फीडर और उसके जरिए ट्रांसफार्मर को दी जाने वाली आपूर्ति में गड़बड़ी की वजह से एक हजार से अधिक बार शट डाउन लिया गया। इस बीच अधिकारी कह रहे हैं समस्या खत्म होने में अभी लगभग एक साल और लगेगा।

किस डिवीजन में कितने फीडर और कितना कट

नैनी : 41 फीडर, 125 बार

रामबाग : 50 फीडर, डेढ़ सौ बार

म्योहाल : 45 फीडर, सौ बार

टैगोर टाउन : 46 फीडर, सवा सौ बार

कल्याणी देवी : 43 फीडर, दो सौ बार

बमरौली : 43 फीडर, 160 बार

करेलाबाग : बीस फीडर, सौ बार

नोट : एक-एक फीडर से औसतन पांच ट्रांसफार्मर को सप्लाई दी जाती है। इस लिहाज से सभी डिवीजन के अन्तर्गत 288 फीडर आते हैं। इनके जरिए पूरे शहर में करीब 220 केवीए, 250 केवीए व चार सौ केवीए के 1440 ट्रांसफार्मरों को सप्लाई दी जाती है।

ओवरहेड लाइन से बढ़ रही समस्या

शहरी एरिया के अन्तर्गत पिछले आठ महीनों के अंदर सिर्फ पंद्रह किमी के करेली और कटरा एरिया में ओवर हेडलाइन को उतारा गया है। इसमें रात के समय सबसे ज्यादा कटियामारी की जाती थी। इसकी वजह से करेली के दस ट्रांसफार्मर में 90 फीसदी लाइन लास का रिकार्ड दर्ज किया गया है। करेली सब स्टेशन के एसडीओ रवीन्द्र पाल ने बताया कि ओवर हेड लाइन की वजह से ही सबसे ज्यादा लाइन लास होता है। ट्रांसफार्मर लोड सह नहीं पाता और फीडर से लाइन ट्रिप करनी पड़ती है।

फीडर से पावर कट की वजहें

- पानी पड़ने से ट्रांसफार्मर के इन्सुलेटर और उसका राड डैमेज हो जाता है। जिसको बनाने में तीन घंटा लग जाता है।

- मीटर बाईपास से जब चोरी की जाती है तो उसकी वजह से एलटी लाइन हिल जाती है। ये ट्रांसफार्मर से निकलने वाले तार से सट जाता है।

- रात आठ बजे के बाद हमेशा कॉमर्शियल यूज ज्यादा बढ़ जाने पर ट्रांसफार्मर की पेटी फ्यूज हो जाती है। इसके कारण फीडर से आपूर्ति शट डाउन की जाती है।

- जोरदार बारिश होने पर फीडर की पेटी में करंट उतर जाने की आशंका से चार घंटे तक आपूर्ति शट डाउन की जाती है।

हमारे डिवीजन में पिछले दो महीनों में 160 बार आपूर्ति शट डाउन की जा चुकी है। ट्रांसफार्मर में तीन-तीन फ्यूज लगाए जाते है लेकिन जब कटिया मारी जाती है तो उससे जुड़ा तार शार्ट सर्किट हो जाता है। इसकी वजह से दिक्कत बनी रहती है।

जीसी यादव, अधिशाषी अभियंता, बमरौली डिवीजन

एक महीन से आंधी व बारिश की वजह से ट्रांसफार्मर का इन्सुलेटर और उसके राड की पैकिंग लीक हुई है। यह समस्या सभी ट्रांसफार्मरों पर लगातार बनी हुई थी। लेकिन सबसे ज्यादा पावर कट ओवरहेड लाइन की वजह से होती है। इस समस्या को दूर होने में कम से कम एक साल लगेगा। जब तक कि सभी लाइन अंडर ग्राउंड नहीं हो जाती।

नितिन बरनवाल, एसडीओ, गऊघाट सब स्टेशन