- दो दिन के दौरे पर आगरा आयी है एक्सपर्ट टीम

- सिविल एरिया को नगर निगम में किया जाना है शामिल

आगरा। आगरा कैंटोनमेंट बोर्ड के सिविल एरिया को नगर निगम में शामिल करने के लिए फिजिबिलटी जांचने आई टीम शनिवार को छावनी पहुंची। इस दौरान टीम ने कैंटोनमेंट बोर्ड की कार्यप्रणाली को देखा। अधिकारियों से वार्ता कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली। बता दें कि कैंटोनमेंट बोर्ड के सिविल एरिया को नगर निगम में शामिल किया जाना है। इससे पहले क्षेत्र और कैंटोनमेंट के साथ व्यवहारिकता की जांच की जाएगी।

दो दिन निरीक्षण कर ओपिनियन लेगी टीम

दिल्ली से रिटायर्ड आईएएस सुमित बोस की अध्यक्षता में आई टीम दो दिन तक निरीक्षण कर लोगों व जनप्रतिनिधियों से रायशुमारी करेगी। शनिवार को आठ सदस्यीय टीम ने कैंटोनमेंट के बजट और खर्च के बारे में जानकारी ली। टीम रविवार को भी वस्तुस्थिति का जायजा लेगी। इस बारे में छावनी परिषद के उपाध्यक्ष डॉ। पंकज महेन्द्रू ने बताया कि मीटिंग हॉल में टीम के सामने प्रजेंटेशन देकर व्यवहारिक समस्याओं से अवगत कराया गया है। टीम अपनी रिपोर्ट दिल्ली में सौपेंगी। इस दौरान टीम के सामने बताया गया कि छावनी में काम निर्माण का कोई नक्शा पास नहीं किया जाता है। 700 दुकानों की लीज को बढ़ाया जाए। छावनी के बच्चों के एडमिशन तक नहीं होते हैं। किसी योजना का इम्लीमेंटेशन तक नहीं हो पाता है। अपनी प्रॉपर्टी को न सेल कर सकते हैं, न ही परचेज। न तो टॉयलेट बनाने की अनुमति मिलती है, न ही बाउन्ड्रीवॉल की। सिविल एरिया को बढ़ाया जाए। उसकी फुल पावर प्रेसीडेंट को दी जाए। इस दौरान आगरा के सांसद डॉ.रामशंकर कठेरिया और छावनी विधायक डॉ। जीएस धर्मेश और कैंटोनमेंट के सीईओ भी मौजूद रहे।

इन मुद्दों पर हुई वार्ता

- सिविल एरिया का दायरा कैसे बढ़ाया जाए।

- छावनी और आर्मी के एरिया को अलग किया जाए

- छावनी के कामों में आर्मी का हस्तक्षेप बंद होना चाहिए

- पुराने एक्ट में बदलाव किया जाए।

- कितना बजट आया, कितना खर्च हुआ।

- सिविल एरिया का दायरा बढ़ाया जाए।

- आर्मी का कोई हस्तक्षेप नहीं हो।

- सिविल एरिया को बढ़ाकर प्रेसींडेंट को पूरी पॉवर दी जाए।