-अवैध वसूली की शिकायतों पर एआरटीओ का रुख सख्त

-जांच केंद्र का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर ऑनलाइन किया जाएगा ब्लॉक

देहरादून: नया एमवी एक्ट लागू होने के बाद आजकल सबसे ज्यादा भीड़ पॉल्यूशन जांच केंद्रों पर है। इन केन्द्रों पर अवैध वसूली किये जाने की शिकायतें मिल रही हैं। शहर के ज्यादातर जांच केंद्रों पर 70 रुपये के बजाए 150 से 200 रुपये शुल्क लिया जा रहा है। एआरटीओ अरविंद पांडे ने बताया कि सभी केंद्र संचालकों के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। अगर कहीं अवैध वसूली पाई गई तो जांच सेंटर का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर ऑनलाइन ब्लॉक कर दिया जाएगा। इन जांच केंद्रों की गोपनीय जांच भी कराई जा रही है।

पॉल्यूशन सर्टिफिकेट जरूरी

एक सितंबर से नया मोटर वाहन अधिनियम लागू होने के बाद सभी वाहनों के लिए पॉल्यूशन सर्टिफिकेट जरूरी हो गया है। पहले पॉल्यूशन सर्टिफिकेट न होने पर एक हजार रुपये जुर्माना लगता था, जो नए एक्ट में दस गुना बढ़ाकर दस हजार रुपये कर दिया गया है। अमूमन लोग, पुराने दुपहिया का न तो बीमा कराते हैं, न ही प्रदूषण जांच कराने में रुचि लेते हैं। ऐसे लोगों की चिंता अब बढ़ गई है। भले अभी उत्तराखंड में नया जुर्माना लागू नहीं हुआ है लेकिन लोग तगड़े जुर्माने से बचने के लिए अब इंश्योरेंस व पॉल्यूशन जांच कराने लगे हैं। शहर में जांच केंद्र की संख्या सीमित है, लिहाजा इन केंद्रों पर इन दिनों भीड़ जुट रही। सरकार ने प्रदूषण जांच के लिए 70 रुपये शुल्क तय किया हुआ है लेकिन आरोप है कि संचालक की ओर से वाहनों से 150 से 200 रुपये तक शुल्क लिया जा रहा है।

-----------

दो वाहन सीज, 25 का चालान

परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीमों ने मंडे को भी शहर में चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान बिना कागज दौड़ रही एक बाइक व एक डिलीवरी वैन सीज की गई जबकि नियम तोड़ने पर 25 वाहनों के चालान किए गए। एआरटीओ ने बताया कि अभी केवल नियम तोड़ रहे वाहन चालकों के विरुद्ध ही कार्रवाई चल रही है। कागज चेकिंग के नाम पर किसी को परेशान नहीं किया जा रहा।