सभी ATM में किया जाएगा
एसबीआई अधिकारियों के अकॉर्डिंग आने वाले कुछ दिनों में एसबीआई के सभी एटीएम को बॉयोमैट्रिक कर दिया जाएगा।
इसके बाद एसबीआई के जितने कस्टमर हैं, उनके फिंगर प्रिंट्स, आंखों की रेटिना को रिकॉर्ड के तौर पर एटीएम व सर्वर
रूम में फीड रहेगी। जैसे ही कस्टमर एटीएम स्क्रीन पर अपनी नजर कुछ पल के लिए टिकाएगा, स्क्रीन एक्टिव हो
जाएगी। उसके बाद स्क्रीन पर मिनी स्टेटस चेक करने, मनी विड्रॉ करने के अलावा अन्य ऑप्शन आ जाएंगे।
ATM Card की जरूरत नहीं
इस सुविधा के बाद कस्टमर को एटीएम कार्ड की जरूरत नहीं पड़ेगी। यानि की अब कार्ड घर भूल जाने या कहीं गुम हो
जाने का डर भी नहीं रहेगा। इतना ही नहीं एटीएम बदलकर किसी और के द्वारा पैसे निकाले जाने की घटना पर भी रोक
लग सकेगी। अधिकारियों ने बताया कि यह सुविधा बैंक के साथ ही कस्टमर के लिए भी फायदेमंद साबित होगी। अगर
कोई इलिटरेट भी है तो इस सुविधा से आसानी से मनी विड्रॉ कर सकेगा। उसे किसी और से मदद लेने की जरूरत भी
नहीं पड़ेगी।
6 months में start
एसबीआई की ओर से यह सुविधा 6 मंथ के अंदर स्टार्ट हो जाएगी। बैंकों की ओर से इस प्रोजेक्ट पर काम भी स्टार्ट कर
दिया गया है। सिविल लाइंस, राजेंद्र नगर, रामपुर गार्डन, कैंट सहित अन्य एरिया में एसबीआई के 50 से ज्यादा
एटीएम लगे हुए हैं। इन सभी एटीएम पर बरेलियंस को यह सुविधाएं मिल सकेंगी।
कैंसिलेशन बटन दबाना होगा
एटीएम का यूज करने के बाद कस्टमर को कैंसिलेशन बटन दबाना होगा। इसके बाद एटीएम काम करना बंद कर देगा।
अगर दोबारा एटीएम की जरूरत पड़ती है तो व्यक्ति को पूरा प्रोसेस फिर से करना होगा।
Drawbacks
-जिस व्यक्ति की आंखों का रेटिना कॉपी रहेगा, वही एटीएम का यूज कर सकेगा। जबकि फिलहाल जो एटीएम कार्ड है
उसको कोई भी यूज कर सकता है।
-आंखों की बीमारी से प्रभावित हो सकती है सर्विस।
Benefits
-कार्ड गुम होने या घर भूल जाने से निजात।
-एटीएम मशीन में कार्ड फंस जाने जैसी समस्या से राहत।
-किसी और के द्वारा एटीएम का मिसयूज करने के चांसेज नहीं।
-सिक्योरिटी के लिहाज से पे्रजेंट कार्ड से अच्छा।
-बहुत जल्द शुरू होगी सेवा
'एसबीआई की ओर से बॉयोमैट्रिक व्यवस्था की जा रही है। आने वाले दिनों में लोगों को यह सेवा मिलने लगेगी। इसके
बाद कस्टमर को एटीएम कार्ड की जरूरत नहीं होगी। आंखों के रेटिना से ही एटीएम एक्टिव हो जाएगा.'
-सुरेंद्र कुमार अग्रवाल, एटीएम मैनेजर, एसबीआई