-अरविंद केजरीवाल ने पब्लिक से साधा सीधा संवाद, पब्लिक के बेबाक सवालों का दिया जवाब

VARANASI: हेलिकॉप्टर की गड़गड़ाहट, धूल का गुबार और फिर नेताजी का घंटे आधे घंटे का भाषण। हेलिकाप्टर के पंखे एक बार फिर घूमे और अपने साथ नेताजी को लेकर उड़ गये। किसी नेशनल लेवल लीडर के भाषण के दौरान ऐसा ही माहौल तो होता है लेकिन मंगलवार को बनारस के कटिंग मेमोरियल ग्राउंड इससे कुछ अलग ही माहौल देखने को मिला। पहली बार ऐसा हुआ कि किसी नेशनल लेवल लीडर ने सीधे पब्लिक से संवाद स्थापित करने की कूव्वत दिखायी। पब्लिक ने भी भारतीय राजनीति में बदलाव के इस बयार का जम कर मजा लिया और नेताजी को अपने प्रश्न बाणों से चित करने का प्रयास किया। पब्लिक को यह अवसर दिया आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने। अरविंद को किन प्रश्नबाणों ने बेधा और किस प्रश्न बाण को अरविंद ने जवाबी बाण से बेकार किया आइये जानते हैं।

पब्लिक- दिल्ली की गद्दी क्यो छोड़ दी?

अरविंद - मुझ पर यह आरोप लगता रहता है कि मैंने दिल्ली की गद्दी छोड़ दी। भगोड़ा हूं। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि हमने अपनी शर्तो पर कांग्रेस का समर्थन स्वीकार किया था। ये सभी शर्ते हमारी जनता से जुड़ी हुई थी। उन्होंने पहले हमारी सभी शर्ते मानी बाद में स्वराज बिल पर पीछे हट गये। मैं चाहता तो दिल्ली में राज कर सकता था। लेकिन तब आप ही मुझे कहते कि अरविंद को कुर्सी प्यारी है इसलिए वो वहां डटा हुआ है। मैंने कुर्सी छोड़ दी। लेकिन मैं उन लोगों से कहना चाहता हूं कि मैं कहीं भागा नहीं हूं। मैं यहीं पर हूं और यहीं पर रहकर उनकी छाती पर मूंग दलूंगा।

पब्लिक- नरेन्द्र मोदी ने आपको पाकिस्तान का एजेंट कहा। आपने इसकी शिकायत इलेक्शन कमीशन से क्यों नहीं की?

अरविंद- चुनाव आयोग से शिकायत करने से कोई फायदा नहीं है। वह कुछ कर भी नहीं सकती। मैंने जनता से शिकायत की है और इसका जवाब जनता ही देगी।

पब्लिक- जातीय व्यवस्था पर आपका क्या विचार है?

अरविंद- मेरा मानना है कि पिछड़ी जातियों को रिजर्वेशन मिलना चाहिए। लेकिन इसके साथ मेरा यह भी कहना कि इस रिजर्वेशन से बेहतर उपाय लोगों को बेहतर शिक्षा देना है। पिछड़ों को बेहतर शिक्षा देकर हम उनका विकास कर सकते हैं।

पब्लिक - सीएम बने तो जनमत संग्रह कराया लेकिन इस्तीफा देने से पहले कोई जनमत संग्रह नहीं कराया। क्यों?

अरविंद- हां, मुझे इस्तीफा देने से पहले भी जनमत संग्रह कराना चाहिए था। इसे मैं अपनी गलती मानता हूं। आगे से किसी भी मेजर डिसीजन में पब्लिक की राय जरूर लूंगा।

पब्लिक- मोदी बनारस छोड़ेंगे तो कितना नुकसान होगा?

अरविंद- देखिये यह तो तय है कि अगर मोदी जी जीते तो बनारस छोड़ देंगे। एक चीज मैं बता दूं मोदी जीते चाहें हारे। नुकसान आपका ही होगा।

सवाल के साथ जवाब की थी बेताबी

कटिंग मेमोरियल इंटर कालेज में अरविंद केजरीवाल से सवाल पूछने की बेताबी का आलम दिखा। हर उपस्थित व्यक्ति अरविंद से सवाल दागने को बेचैन था। पर्चियों पर लिखकर पहले ही लोगों से उनके सवाल एकत्र कर लिये गये थे। अरविंद लगभग पांच हजार जनता के बीच निर्धारित समय से क्.ब्0 मिनट लेट भ्.ब्0 पर पहुंचे और उन्होंने पब्लिक से तकरीबन दो दर्जन सवालों का जवाब दिया।

हर हर महादेव का लगा नारा

अरविंद से हुए तकरीबन हर सवाल पर इंकलाब जिंदाबाद, हर हर महादेव व भारत माता की जय का नारा बुलंद होता रहा। अरविंद ने मंच पर पहुंचते ही इन तीनों नारों का उद्घोष किया था। जिसे पब्लिक पूरे संवाद के बीच दोहराती रही। काफी देर बोलने के बाद अरविंद ने अपने गले में दिक्कत महसूस की। लेकिन पब्लिक की मांग पर 'इंसान का इंसान से हो भाईचारा' गीत गाकर संवाद का समापन किया।

सिक्योरिटी भी थी टाइट

अरविंद के संवाद के मद्देनजर सिक्योरिटी एक दम टाइट थी। ग्राउंड में एंट्री करने वाले हर व्यक्ति को मेटल डिटेक्टर से होकर गुजारा जा रहा था। स्याही वाले पेन को अंदर ले जाने पर मनाही थी। बड़ी संख्या में पुलिस और अन्य बलों को तैनात किया गया था। ग्राउंड में उड़ रही धूल के चलते संवाद में थोड़ी परेशानी हुई थी।