हालांकि शर्त ये है कि उनका फेसबुक अकाउंट उनके माता-पिता की निगरानी में रहेगा। वॉल स्ट्रीट जरनल के मुताबिक सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक एक ऐसा लिंक बनाने पर काम कर रहा है जो 13 साल के कम उम्र के बच्चों के अकाउंट को उनके माता-पिता के अकाउंट से जोड़ेगा।

वॉल स्ट्रीट जरनल में ये भी कहा गया है कि इस लिंक के ज़रिए बच्चों के माता-पिता ये भी जान पाएंगें कि उनके बच्चे किस तरह के लोगों को अपनी दोस्तों की सूचि में डाल रहे हैं। फिलहाल 13 साल से कम उम्र के बच्चों को फेसबुक पर अकाउंट खोलने की इजाज़त नहीं है।

दुनिया भर में फेसबुक का इस्तेमाल करने वाले 90 करोड़ लोग हैं, और 13 साल से कम उम्र के बच्चों को अगर इसका इस्तेमाल करने की इजाज़त दी जाती है, तो ये आंकड़ा तेज़ी से बढ़ सकता है। हालांकि जब बीबीसी ने फेसबुक से संपर्क साधा तो उन्होंने इन खबरों की पुष्टि करने से इंकार कर दिया, लेकिन उन्होंने इतना कहा कि कंपनी ऐसा करने के लिए नई तकनीक पर प्रयोग कर रही है।

उम्र का झूठा दावा

13 साल से कम के बच्चों को फेसबुक पर अकाउंट इसलिए खोलने की इजाज़त नहीं थी ताकि वे अश्लील सामग्री न देख पाएं और आपस में लड़ाई-झगड़े में न पड़ें। लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि ये समस्या का समाधान नहीं है क्योंकि एक सर्वेक्षण के मुताबिक 13 साल से कम उम्र के बच्चे अपनी उम्र गलत बता कर फेसबुक पर अकाउंट खोलते हैं।

हाल ही में हारवर्ड, युनिवर्सिटी ऑफ केलिफॉर्निया, नॉर्थ-वेस्टर्न युनिवर्सिटी और माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च के एक सर्वेक्षण में सामने आया था कि 72 प्रतिशत माता-पिताओं को ये मालूम था कि उनके 13 साल से कम उम्र के बच्चों का फेसबुक पर अकाउंट मौजूद है।

2011 में एक सर्वेक्षण में ये भी सामने आया था कि 2 करोड़ नाबालिग फेसबुक उपभोग्ताओं में से 75 लाख की उम्र 13 साल से कम की थी, जबकि 50 लाख उपभोग्ताओं की उम्र 10 साल से कम की थी। ऐसा नहीं है कि फेसबुक को इस बात की जानकारी नहीं है। फेसबुक के एप्लिकेशन फॉर्म में एक लिंक है जिसमें माता-पिता को सलाह देने वाले कुछ सुझाव भी हैं।

गत मई में संडे टाइम्स में फेसबुक के नीति मामलों के अध्यक्ष साइमन मिलनर के उस वक्तव्य का उल्लेख था जिसमें उन्होंने कहा था कि बच्चों को सोशल नेटवर्किंग से जोड़ने के लिए फेसबुक अपनी नीतियों में बदलाव लाने की राह पर है। लेकिन फेसबुक के एक प्रवक्ता का कहना था कि मिलनर के बयान का गलत मतलब निकाला गया। उनका कहना था कि मिलनर ने बस इस बात पर ज़ोर दिया था कि सोशल नेटवर्किंग साइटों पर बच्चों की सुरक्षा काफी महत्तवपूर्ण है।

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