- दिल्ली के एक फ्रॉड एजेंट ने चार-पांच छात्रों के साथ किया खेल

- पीओई ने खुद पकड़ा मामला, जांच में सारा फ्रॉड आ गया सामने

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LUCKNOW

एक अवैध एजेंट के झांसे में आकर चार-पांच छात्रों ने रूस में नौकरी करने का सपना देखा। सभी ने रूस जाने की तैयारी की और एजेंट को मोटी रकम भी दे दी। ऐन वक्त पर पीओई (प्रोटेक्टर ऑफ इमिग्रांट्स) ने पूरा खेल पकड़ लिया और जांच कराई। जिसके बाद यह सच्चाई सामने आई कि छात्रों का जो वीजा तैयार किया गया था, वह फर्जी है। इतना ही नहीं, जिस कंपनी में नौकरी की बात कही जा रही थी, उसके बारे में भी कोई जानकारी नहीं मिल रही है। इसके बाद पीओई ने छात्रों को पूरे मामले से अवगत कराया साथ ही रूस जाने से रोका। अब पूरी कवायद छात्रों को एजेंट से पैसा वापस दिलाने की हो रही है। इसके साथ ही एजेंट के खिलाफ भी एक्शन लेने की तैयारी हो रही है।

यह है मामला

जानकारी के अनुसार, एक जिले (जांच पर असर न पड़े, इसलिए जिले का नाम नहीं दिया जा रहा है) के चार से पांच छात्र दिल्ली के एक एजेंट के संपर्क में आए। एजेंट की ओर से उन्हें रूस में एक कंपनी में नौकरी दिलाने की बात कही गई। इसके एवज में छात्रों से मोटी रकम ली गई। जल्द ही छात्रों को रूस जाने के लिए उड़ान भरनी थी।

इस तरह पकड़ा

पीओई की माने तो जब उन्हें पता चला कि छात्रों को नौकरी के लिए रूस भेजा जा रहा है, तो शक हुआ। वजह यह है कि अमूमन लोग नौकरी के लिए गल्फ कंट्रीज या फिर अमेरिका जाते हैं। रूस में नौकरी के लिए जाना रेयर ऑफ रेयरेस्ट केस है। इस वजह से उन्होंने सभी छात्रों के वीजा मंगवाए और उन्हें जांच के लिए अपने मंत्रालय भेजा। जांच पड़ताल में यह बात साफ हो गई कि छात्रों को जो वीजा दिए गए थे, वे फर्जी हैं। इसके बाद उन्होंने एजेंट की भी जांच कराई। तो पता चला कि एजेंट भी अवैध है। अब छात्रों की रकम लौटलवाने का प्रयास किया जा रहा है।

वर्जन

कुछ छात्रों को फर्जी वीजा बनाकर रूस भेजने की तैयारी थी। जांच पड़ताल में यह बात स्पष्ट हो गई है कि वीजा फर्जी हैं साथ ही एजेंट भी अवैध है। फिलहाल अभी कई बिंदुओं पर जांच जारी है।

विवेक शर्मा,

प्रोटेक्टर ऑफ इमिग्रांट्स