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BAREILLY : उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लापरवाही के आरोपों से घिरा आरयू एडमिनिस्ट्रेशन स्टूडेंट्स के भविष्य पर ग्रहण लगाने पर आतुर नजर आ रहा है। आरटीआई के तहत कॉपी दिखाने का काम इतना स्लो कर रहा है कि करीब एक माह में महज 4500 स्टूडेंट्स को कॉपियों का अवलोकन करने का मौका मिला है। जबकि, आरटीआई 22,000 स्टूडेंट ने डाली थी, इस हिसाब से करीब 5 महीने लगेंगे। इतने वक्त में तो किसी कॉलेज में एडमिशन लेने का समय भी खत्म हो चुका होगा।

22- हजार से अधिक अब तक डाली जा चुकी आरटीआई

4.5- हजार से अधिक स्टूडेंट्स को आरयू भेज चुका बुलावा

50-प्रतिशत स्टूडेंट्स नहीं पहुंच रहे कॉपी देखने

10-प्रतिशत स्टूडेंट्स ने दे दिया गलत एड्रेस

2-जुलाई से कॉपी दिखाने का शुरू हुआ था काम

5 माह तक चलेगी प्रक्रिया

आरयू के इस बार सबसे अधिक एमएससी और बीएससी के स्टूडेंट्स फेल हुए थे। जिस पर आरयू के मूल्यांकन प्रणाली पर स्टूडेंट्स ने आरोप लगाते हुए आरटीआई अप्लाई करना शुरू कर दिया। अधिक स्टूडेंट्स फेल होने के कारण इस बार आरटीआई की संख्या 22 हजार को पार कर गई। जबकि, पिछले वर्ष आरटीआई अप्लाई करने वालों की संख्या 1680 थी। कई गुना बढ़ी संख्या ने आरयू के अफसरों की भी नींद उड़ा दी। हालांकि आरटीआई अप्लाई होने के बाद आरयू ने साढ़े चार हजार हजार से अधिक स्टूडेंट्स को ही बुलावा पत्र भेजा जा सका है। इस तरह 22 हजार से अधिक आरटीआई की कापियां दिखाने में चार से पांच माह का समय आरयू को लग जाएगा। इससे माना जा रहा है कि पांच माह बाद किसी स्टूडेंट्स को आरटीआई के तहत राहत भी मिली तो उसके एडमिशन का समय ही निकल चुका होगा। जिससे उसका एक वर्ष खराब होना तय माना जा रहा है।

हड़ताल से भी बढ़ी थी समस्या

ज्ञात हो आरयू ने 2 जुलाई से आरटीआई के तहत कॉपियों को दिखाने की प्रक्रिया शुरू करा दी थी। कॉपी देखने के लिए स्टूडेंट्स भी पहुंचने लगे थे, लेकिन इसी बीच आरयू के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर 9 जुलाई से 13 तक हड़ताल और धरना पर बैठ गए थे। जिसके चलते भी कई स्टूडेंट्स कॉपी देखने तो पहुंचे लेकिन वह अपनी कॉपी ही नहीं देख सके।

वापस आ रहे पत्र

आरयू की तरफ से स्टूडेंट्स को कॉपी देखने के लिए भेजे गए पत्र 10 प्रतिशत वापस आ रहे है। जिसमें दिए गए एड्रेस पर कोई पत्र लेने वाला ही नहीं मिला है। वहीं कई स्टूडेंट्स के लिफाफा पर एड्रेस ही नहीं लिखा है, जिससे कर्मचारियों की और प्रॉब्लम बढ़ी है कि वह पत्र भेजें तो कहा।

आरटीआई के तहत कॉपियां दिखाई जा रही हैं, स्टूडेंट्स को बुलाने के लिए पत्र भी भेज रहे हैं। लेकिन स्टूडेंट्स अभी कापियां देखने के लिए कम आ रहे है। इससे भी प्रॉब्लम बढ़ी है।

प्रो। एनएन पांडेय, परीक्षा नियंत्रक