-मदरसे के मुस्लिम बच्चों को सिखा रहे गीता के श्लोकों का हिन्दी में अनुवाद

-बरेली कॉलेज से संस्कृत और उर्दू से किया है एमए

विनय कुमार शुक्ला

बरेली : ठिरिया निजावत खां के रहने हाजी फैजान हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल कायम कर रहे हैं। वह पिछले तीन सालों से हिंदू बच्चों को उर्दू और मुस्लिम बच्चों को संस्कृत पढ़ा रहे हैं। इतना ही नहीं गीता के संस्कृत के श्लोकों का हिन्दी अनुवाद भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि शिक्षा किसी के भी द्वारा दी जा सकती है। एक गैर-मुस्लिम भी अरबी पढ़ा सकता है। भाषा को भाषा की तरह पढ़ाया जाना चाहिए।

मदरसे में पढ़ाते संस्कृत

ठिरिया निजावत खां के रहने वाले हाजी फैजान फैज-ए-आम सकलैनी इंटर कॉलेज में संस्कृत के टीचर हैं। वह यहां पर हिंदू और मुस्लिम बच्चों को उर्दू और संस्कृत पढ़ाते हैं। साथ ही शाम के समय में वह मदरसे में मुस्लिम बच्चों को संस्कृत पढ़ाते हैं। इसके अलावा वह मदरसे के बच्चों को श्रीमद्भागवत गीता के श्लोकों का हिन्दी में अनुवाद करना सिखा रहे हैं।

बीसीबी से पूरी की शिक्षा

हाजी फैजान ने बरेली कॉलेज बरेली से संस्कृत और उर्दू से एमए की पढ़ाई की है। वह बताते हैं कि उन्होंने स्कूल में भी संस्कृत के श्लोक पढ़े और अब वह मदरसे और स्कूलों में पढ़ाने वाले मुस्लिम बच्चों को देव भाषा का ज्ञान सिखा रहे हैं।

400 स्टूडेंट्स को पढ़ा रहे

हाजी फैजान बताते हैं कि उनके स्कूल में 12वीं क्लास तक 400 हिन्दु और मुस्लिम स्टूडेंट्स है। उसमें ज्यादातर स्टूडेंट्स मुस्लिम हैं, करीब 150 मुस्लिम स्टूडेंट्स गीता के श्लोक, उपनिषदों का ज्ञान सिख रहे हैं। फैजान स्टूडेंट्स को यह भी सिखाते हैं कि भाषा के अलावा उसके साथ मिलने वाली नैतिक शिक्षा के आधार पर वे अपने जीवन को भी बेहतर बनाएं। वहीं उसके साथी धर्मेद्र ने अपनी भाईचारे की नई मिसाल कायम की है। धर्मेद्र ने मथुरा वृन्दावन से आचार्य की डिग्री हासिल की है। उसके अलावा वह मुस्लिम बच्चों को उर्दू, संस्कृत भी सिखाते हैं। साथ ही मुशायरों में अपने कलाम पेशकर खूब वाहवाही लूटते हैं।