- 22 लाख की जालसाजी के मामले में बीमा कंपनी का अधिकारी गिरफ्तार

- एक महिला अधिकारी पहले से ही पकड़ी जा चुकी है

LUCKNOW : कैसरबाग पुलिस ने 22 लाख की ठगी करने वाले बीमा कंपनी के अधिकारी को गिरफ्तार किया है। इस ठगी में कंपनी की एक महिला अधिकारी समेत तीन लोग शामिल थे। ये ग्राहकों के नाम का फर्जी अकाउंट खुलवाकर कर उसमें बीमा की रकम जमा कराते और हजम कर जाते थे। महिला अधिकारी की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है।

यह है मामला

मुंबई की यूनियन डाईईजी जीवन बीमा कंपनी का दफ्तर कैसरबाग में है। 19 सितंबर 2017 को कंपनी के क्वालिटी मैनेजर मुकेश चंदाना ने कंपनी के सीनियर एसोसिएट बिजनेस सपोर्ट सर्विस अधिकारी शारिक हुसैन, इंश्योरेंस सेल्स अफसर फरजाना मालिक और गुलशन शर्मा के खिलाफ कैसरबाग थाने में 22 लाख रुपये की धोखाधड़ी और जालसाजी की एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप था कि कंपनी के ग्राहकों के नाम से इन्होंने बैंक में फर्जी खाते खुलवा कर बीमा की रकम ट्रांसफर कर ली। कंपनी ने जब छानबीन की तो आरोपी शारिक हुसैन ने 22 लाख रुपये के गबन की बात स्वीकारी।

अफसर से हुई थी रिकवरी

कंपनी ने शारिक हुसैन से चार लाख रुपये की रिकवरी भी की थी। इस मामले की जांच कर रही कैसरबाग पुलिस ने महिला अधिकारी फरजाना मालिक को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि अन्य आरोपी शारिक हुसैन और गुलशन फरार चल रहे थे। बीती रात कैसरबाग पुलिस ने शारिक हुसैन को भी धर दबोचा। हालांकि पुलिस अभी गुलशन की तलाश कर रही है।

महिला ने की थी शिकायत

कंपनी की एक महिला ग्राहक को जब अपनी पॉलिसी के रुपये नहीं मिले तो उसने छानबीन की। जिससे पता चला कि कंपनी ने बीमा की रकम उनके खाते में डाली लेकिन वो उसे नहीं मिली। इस पर महिला ने कंपनी को कानूनी नोटिस भेजा। जब कंपनी ने छानबीन की तो यह सारा खेल सामने आ गया।

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इस तरह करते थे फ्रॉड

कैसरबाग थाने में कंपनी के क्वालिटी मैनेजर मुकेश ने कहा कि शारिक और फरजाना उनके यहां काम करते थे। जबकि गुलशन वर्मा इनका साथी है। ये लोग ग्राहकों के पैनकार्ड की फोटोकॉपी से फर्जी खाते खुलवाते थे। जब ग्राहकों की पॉलिसी पूरी होती तो ये बीमा राशि इन्हीं खातों में ट्रांसफर कर निकाल लेते।