2004-05 का फर्जीवाड़ा

-कार्यपरिषद की बैठक में बीएड सत्र पर लिया गया फैसला

-एसआइटी से फर्जी छात्रों की सूची लेकर की जाएगी सार्वजनिक

आगरा। बीएड सत्र (2004-05) की डिग्री को लेकर फजीहत झेल रहा डॉ। भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने फर्जी डिग्री निरस्त करने का निर्णय लिया है। शुक्रवार को हुई बैठक में विशेष जांच दल (एसआइटी) से फर्जी छात्रों की सूची लेकर सार्वजनिक करने पर भी सहमति बनी।

दो साल की टालमटोल के बाद शासन की सख्ती होने पर विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की बैठक बुलाई गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि एसआइटी से फर्जी छात्रों की सूची लेकर विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर सार्वजनिक किया जाएगा। फर्जी छात्रों के घर के पते पर भी पत्र भेजे जांएगे। 15 दिन में साक्ष्यों के साथ छात्र अपना पक्ष रख सकते हैं। इसके बाद विश्वविद्यालय द्वारा 80 कॉलेजों से प्राप्त की गई बीएड सत्र 2004-05 में प्रवेश और परीक्षा देने वाले छात्रों की सूची से मिलान किया जाएगा। फिर विश्वविद्यालय द्वारा फर्जी छात्रों की सूची तैयार की जाएगी, इन सभी छात्रों की डिग्री निरस्त की जाएगी।

ये था मामला

विश्वविद्यालय से संबद्ध 84 बीएड कॉलेजों में सत्र 2004-05 के अंक चार्ट में फर्जीवाड़ा किया गया। फर्जी अंकतालिका से अभ्यर्थियों की शिक्षक के पद पर नियुक्ति हो गई। इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद विशेष जांच दल(एसआइटी) ने 2013 में जांच शुरू की। एसआइटी ने 2017 में विश्वविद्यालय को 4570 फर्जी छात्रों की सूची सौंपने के साथ डिग्री निरस्त करने के लिए कहा। इसमें 3517 रोल नंबर जनरेट (बना पढ़े, परीक्षा दिन अंकतालिका देना) , 1053 छात्रों के अंक बढ़ाए गए।

एसआइटी से सूची प्राप्त करने के बाद जल्द से जल्द जांच पूरी कर फर्जी डिग्री निरस्त की जाएंगी।

केएन सिंह, कुलसचिव डॉ। भीमराव आंबेडकर विवि