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LUCKNOW: भोले-भाले बेरोजगारों को चूना लगाने के लिये जालसाज किसी भी हद तक जाने से गुरेज नहीं कर रहे। ऐसा ही मामला सामने आया है प्रयागराज में, जहां एसटीएफ ने राष्ट्रीय पशु एवं डेयरी विकास परिषद नाम की फर्जी वेबसाइट बनाकर करोड़ों का चूना लगा दिया। जालसाज किस कदर बेखौफ थे, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने वेबसाइट को सरकारी घोषित कर रखा था। वे सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर प्रदेश के कई जिलों में वसूली कर रहे थे। शातिरों ने पशुधन अधिकारी, पशुधन निरीक्षक, शाखा प्रबंधक, कंप्यूटर ऑपरेटर समेत अन्य पदों पर भर्ती के नाम पर रुपये वसूले और फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया। एसटीएफ ने शिवकुटी स्थित कार्यालय को सील कर दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है।

छापेमारी से हुआ खुलासा

एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह ने बताया कि शिकायत मिल रही थी कि कुछ जालसाज फर्जी वेबसाइट बनाकर बेरोजगारों को नौकरी का ऑफर दे रहे हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने कई शहरों में दफ्तर खोल रखे हैं, जहां से बेरोजगारों से वसूली की जाती है। इस इनपुट पर प्रयागराज यूनिट को अलर्ट किया गया। जिसके बाद इंस्पेक्टर एसटीएफ केशव चंद्र राय और अतुल सिंह की टीम ने शिवकुटी थाना क्षेत्र के स्टेनली रोड पर स्थित हाईटेक कार्यालय में छापामारी की तो जालसाजी का भंडाफोड़ हो गया। एसटीएफ ने वहां से वीरभूमि, पश्चिमी बंगाल निवासी हेमंत बनर्जी और प्रतापगढ़ निवासी मदन कुमार को अरेस्ट कर लिया। कार्यालय में राष्ट्रीय पशु एवं डेयरी विकास परिषद (भारत सरकार का उपक्रम) लिखे हुए पैड, लेटर हेड, नियुक्ति पत्र, आइडी कार्ड विभिन्न विभागों के फर्जी पैड, नौ कंप्यूटर, लैपटाप, सीडी, प्रिंटर, परीक्षा, इंटरव्यू, कॉल लेटर और नियुक्ति पत्र बरामद हुए।

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एक दर्जन जिलों में खोल रखे थे कार्यालय

एसएसपी सिंह ने बताया कि दफ्तर से कौशांबी, प्रतापगढ़, वाराणसी, जौनपुर, कानपुर आदि के पशुधन अधिकारी, पशुधन निरीक्षक, शाखा प्रबंधक, कंप्यूटर ऑपरेटर, कार्यालय सहायक, क्लर्क आदि के फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद हुए हैं। उन्होंने बताया कि जालसाजों ने प्रदेश के एक दर्जन से अधिक जिलों में कार्यालय खोल सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी की है। शिवकुटी स्थित कार्यालय से ही अकेले 22 लोगों को नियुक्ति पत्र देकर लाखों रुपये वसूले गए। गिरोह का सरगना वरिष्ठ तिवारी है जो लखनऊ में अरेस्ट हुआ है। वरिष्ठ ने लखनऊ में दर्जनों लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र देकर लाखों रुपये वसूले हैं। आठ लाख रुपये ठगी करने पर मामले की रिपोर्ट शिवकुटी थाने में भी दर्ज हुई है। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में एसटीएफ छापेमारी कर रही है।

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