रांची : राजधानी में एक का तीन के भाव में जाली नोट कारोबार चलाया जा रहा है। मतलब एक लाख के असली नोट के बदले 3 लाख रुपये इन जाली नोट कारोबारियों द्वारा थमाया जा रहा है। शनिवार को फेक नोट के साथ पकड़े गए सप्लायर ऐनुल अंसारी व सागर मंडल ने पुलिस से यह खुलासा किया है। पुलिस को इनके पास से 85,000 रुपये के जाली नोट बरामद हुए थे। बरामद नोट को ये पश्चिम बंगाल के मालदा से लेकर रांची पहुंचे थे।

ऐसे खपाने का था मंसूबा

गिरफ्त में आये दोनों सप्लायरों ने पुलिस को बताया कि जाली नोटों को कैश के कारोबार में खपाने का उनका मंसूबा था। इसके लिए उनके गैंग के लोग खुदरा कारोबार करने वालों के टच में रहते हैं। सब्जी विक्रेता, किराना दुकान, ट्रांसपोर्ट के काम में लगे लोग अधिकांश कारोबार कैश में करते हैं। इस जानकारी के बाद पुलिस ने गैंग के अन्य सदस्यों तक पहुंचने के लिए अपना जाल बिछा दिया है।

ऐसे करें फेक नोट की पहचान

-कलर का अंतर

-वाटर मार्क नहीं होंगे

-छूने पर उभार महसूस नहीं होगा

-सिक्योरिटी थ्रेड का रंग नहीं बदलेगा

-असली नोट में होता है रंग हरा से नीला

-नकली नोट में सिर्फ हरा रंग दिखेगा

गांधी जी की वाटरमार्क तस्वीर नहीं दिखेगी

-नेत्रहीनों के लिए बने निशान में उभार नहीं

एटीएम से नोट निकालते वक्त बरतें सावधानी

एटीएम से भी जाली नोट निकलते हैं इसलिए एटीएम से नोट निकालते वक्त खास सावधानी बरतने की जरूरत है। साथ ही एटीएम से निकले जाली नोटों को किस तरह से बैंक को वापस कर इसकी शिकायत करें यह जानना काफी अहम है। एटीएम से जाली नोट निकलने पर आप उसे लेकर सीधे संबंधित बैंक में पास जा सकते हैं। बैंक उस नोट पर मुहर लगाकर उसके उपयोग पर रोक लगा देगा और बैंक की ओर से रसीद दी जाएगी।

तो बैंक के खिलाफ एफआईआर कराएं

वहीं बैंक के अधिकारियों की मानें तो बैंक से जाली नोट दिये जाने पर एफआईआर करानी चाहिए, जिससे कि जाली नोट की जांच की जा सके। इस शिकायत के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया संबंधित बैंक के खिलाफ अपराध साबित होने पर कार्यवाही कर सकता है।

क्या कहता है कानून

जाली नोटों को देना एक दंडनीय अपराध है। आईपीसी की धारा 489 के तहत इस अपराध के लिए सात साल की सजा हो सकती है। एटीएम से जाली नोट मिलने पर इसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित बैंक की होती है। आरबीआई के मास्टर सर्कुलर में यह साफ निर्देश है कि एटीएम में डाले जाने वाले नोट पूरी तरह से संबंधित बैंक के होते हैं और उनकी इन नोटों के प्रति जवाबदेही होती है। वहीं अगर जाली नोटों का मामला साबित होता है तो बैंक के संचालन पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

पुलिस इस गिरोह के लोगों के खिलाफ ऑपरेशन चला रही है। लोगों को भी सतर्क रहकर नोटों का परिचालन करना चाहिए।

अनीश गुप्ता

एसएसपी रांची