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KANPUR फर्जी वर्क वीजा दिला कर विदेश भेजने के इस खेल में सुरक्षा को लेकर भी कई सवाल खड़े हुए हैं। क्योंकि देवरिया और उसके आस पास के जिन एरियों में यह नेटवर्क सक्रिय हैं, वहां पर प्रतिबंधित संगठन सिमी और इंडियन मुजाहिदीन का भी खासा प्रभाव है। कई बार यहां के लड़कों को बरगला कर दुश्मन देशों में ट्रेनिंग दिलवाने के लिए भी भेजे जाने के मामले सामने आए हैं। इतना ही नहीं, यूंकि खुद गिरोह के तीनों गुर्गो के पास मिले पासपोर्ट पर यूएई का वीजा भी मिला, इससे शक गहरा रहा है कि कहीं गिरोह आईएसआईएस के अभियान में शामिल होने के लिए गुमराह युवकों को वहां तो नहीं भेजता है? ऐसे में इन लोगों ने कितने, किन-किन लोगों को और कहां-कहां भेजा एजेंसियां इसकी छानबीन में जुट गई हैं। आतंकियों से कनेक्शन छानबीन का केंद्र बिंदु हो सकती है। पूछताछ करने आए एटीएस के एक अधिकारी ने बताया इस मामले में सारे विकल्पों को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है।

केंद्रीय एजेसियों के कान खड़े हुए

कबूतरबाजी और वीजा दिलवाने के इस गिरोह के पकड़े जाने के बाद पुलिस ने इसके सरगना तक पहुंचने की कोशिशें भी शुरु कर दी है। इसके अलावा आरोपियों से पूछताछ के लिए आईबी, मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स और एटीएस की टीमें जीआरपी थाने पहुंची। सूत्रों की मानें तो दो आरोपियों को आईबी या एनआईए की टीम पूछताछ के लिए दिल्ली भी ले जा सकती है। इस धंधे में इन विदेश मंत्रालय के किसी अधिकारी या कंबोडिया या दूसरी एम्बेसी के अधिकारियों की सांठगांठ की भी जांच की जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इस मामले को आईबी या एनआईए को किसी तरह ट्रंासफर भी किया जा सकता है।