- लखनऊ में करीब साढ़े चार हजार तो गाजियाबाद व एनसीआर में छह हजार

- वित्तिय घोटाले की जांच कर रहा एकेटीयू

LUCKNOW: डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) में शिक्षकों के फर्जीवाड़े के खेल में राजधानी समेत एनसीआर के कई जिले टॉप पर हैं। यूनिवर्सिटी की ओर से जारी डेफिशियंसी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया था। यूनिवर्सिटी की इस रिपोर्ट में जो तथ्य सामने आए है वह काफी हैरान करने वाले हैं। इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों में बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने में इन कॉलेजों की ओर से कोई कमी नहीं छोड़ा गया है। एकेटीयू की जारी लिस्ट में सबसे ज्यादा फर्जी शिक्षकों की संख्या एनसीआर व लखनऊ के कॉलेजों की है।

राजधानी में साढ़े चार हजार

राजधानी लखनऊ और उसके आसपास के जिलों में एकेटीयू से एफिलिएटेड करीब ढ़ाई दर्जन से अधिक इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों का संचालन होता हैं। डेफिशियंसी रिपोर्ट में इन कॉलेजों में करीब साढ़े चार हजार फर्जी शिक्षकों के द्वारा पढ़ाई कराने की बात सामने आ रही है। वहीं इस मामले में दूसरे नंबर पर एनसीआर खासतौर पर गाजियाबाद और उसके आसपास बने कॉलेजों का नंबर है। यहां पर फर्जी शिक्षकों का आकड़ा छह हजार के आसपास हैं। इन फर्जीवाड़े में सबसे ज्यादा वह कॉलेज शामिल है जो शिक्षकों को कम सैलरी प्रदान कर रहे या फिर वह बाहरी शिक्षकों के भरोसे अपना काम निकाल रहे हैं।

वित्तिय घोटाला की बू

एकेटीयू ने जिन 20 हजार शिक्षकों के फर्जीवाड़ा वित्तिय अनियमिता से जुड़ी हुई है। अभी तक की जांच में तीन पहलु सामने आए हैं। सबसे पहला मुद्दा कॉलेजों में शिक्षकों के न होने का है। जिसमें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद आईएसीटीई के नियमों को पूरा करने के लिए शिक्षकों की सूची में फर्जी नाम शामिल करना। दूसरा पहलू शिक्षकों की सैलेरी से जुड़ा है। कागजों में इसे काफी बढ़ा चढ़ा कर दिखाने का खुलासा हुआ है। एआईसीटीई के प्रावधानों के हिसाब से एक शिक्षक को हर मंथ करीब 35 से 37 हजार रुपए सैलेरी मिलनी चाहिए। लेकिन इनमें से ज्यादातर इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों में बीटेक पास करते है छात्रों को शिक्षकों की नौकरी बांटी जा रही है। इन्हें आठ से दस हजार रुपए देकर काम चलाया जाता है। तीसरा फर्जीवाड़ा प्रोफेसर के स्तर का है। नियमानुसार एक प्रोफेसर की करीब 80 से 90 हजार होनी चाहिए। इस खर्चे को कम करने के लिए कई प्राइवेट कॉलेज एक ही प्रोफेसर को कागजों में अपने यहां देखाकर खेल कर रहे हैं।

16 मई को होगा कॉलेजों का फैसला

फर्जी शिक्षक रखकर स्टूडेंट्स के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले 608 कॉलेजों का फैसला आगामी 16 मई को होगा। सभी कॉलेजों से उनका पक्ष मांगा गया है। इसके बाद ही इनके खिलाफ कार्रवाई तय की जाएगी। एकेटीयू के इस कदम को प्राइवेट कॉलेजों में शिक्षा का स्तर सुधारने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

यूनिवर्सिटी के लेवल से हर तरह की जांच की जा रही है। सभी कॉलेजों से उनका पक्ष जानने के बाद ही इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया जा सकता है। अब 16 के बाद कार्रवाई तय की जाएगी।

प्रो। विनय कुमार पाठक, वीसी, एकेटीयू