मतदाता सूची में जुड़ते हैं नाम, इस बार रहेगी विशेष निगरानी

डीएम ने एसडीएम और बीडीओ को दिए हैं निगरानी के निर्देश

फीरोजाबाद : फर्जी वोट बनवाकर प्रधानी की सीट पर कब्जा जमाने की ख्वाहिश इस बार पूरी नहीं होगी। प्रशासन पहले से ही इसके लिए मुस्तैद है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतदाता सूची में फर्जी नाम शामिल करा पाना भी इस बार मुश्किल होगा। आयोग की पहल और जिलाधिकारी की सख्ती फर्जीवाड़े पर रोक लगाएगी। डीएम ने सभी उप जिलाधिकारी एवं खंड विकास अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि वे बीएलओ द्वारा किए जाने वाले सत्यापन कार्य की कड़ी निगरानी करें।

पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूची बनाने का काम जिले में शुरू हो गया है। वर्ष 2010 में हुए चुनाव के दौरान जिले में 1806 बूथ बनाए गए थे। फिलहाल इन पर बीएलओ की नियुक्ति का काम चल रहा है। इनमें से जिन बूथों पर विधानसभा मतदाता सूची के लिए बीएलओ के रूप में शिक्षक तैनात किए गए थे। उन्हें छोड़कर अन्य बूथों पर तैनाती की जानी हैं। मतदाता सूची तैयार करने का जो तरीका निकाला गया है वह थोड़ा जटिल है। इस संबंध में राज्य राज्य निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिए हैं बीएलओ के रूप में आंगनबाड़ी कार्यकत्री या अन्य किसी की तैनाती न की जाए। केवल शिक्षकों को ही बीएलओ बनाएं।

दरअसल निर्वाचन आयोग ने पांच साल पहले बनी पंचायत चुनाव की मतदाता सूची का मिलान मौजूदा विधानसभा सूची से करने के निर्देश दिए हैं। इन सूचियों में जो भिन्नता पाई जाएगी, उसकी हकीकत जानने के लिए बीएलओ घर घर जाएंगे। इस दौरान कहीं कोई दबंगई या प्रलोभन देकर फर्जी लोगों के नाम मतदाता सूची में शामिल न करा सके। इस पर भी प्रशासन खत्म है। इसे रोकने के लिए डीएम विजय किरन आनंद ने सभी एसडीएम एवं खंड विकास अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया है। डीएम ने बताया यदि कोई भी व्यक्ति मतदाता सूची में गड़बड़ी करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। पंचायत चुनाव की मतदाता सूची पारदर्शी तरीके से तैयार की जाएगी।