- कमिश्नर और आईजी आए तब बनी बात, आज परिजन करेंगे सीएम से मुलाकात
- बड़े बेटे ने दी पिता कमलेश को मुखाग्नि, एडीएम व एएसपी करेंगे पुलिस के रोल की जांच
- कमिश्नर और आईजी आए तब बनी बात, आज परिजन करेंगे सीएम से मुलाकात
- बड़े बेटे ने दी पिता कमलेश को मुखाग्नि, एडीएम व एएसपी करेंगे पुलिस के रोल की जांच

लखनऊ /सीतापुर (ब्यूरो)।  हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के बाद शव का अंतिम संस्कार कराने के लिए परिजन को मनाने में अफसरों के पसीने छूट गए। रात करीब तीन बजे शव के महमूदाबाद आने के बाद से ही जिला और पुलिस प्रशासन के अधिकारी परिजनों से शव का अंतिम संस्कार करने के लिए मानमनौवल करते रहे लेकिन, परिवार सीएम योगी आदित्यनाथ को बुलाने की मांग पर अड़ा रहा। करीब 8 घंटे से भी अधिक समय तक चली कशमकश से निजात कमिश्नर लखनऊ मुकेश कुमार मेश्राम और आईजी जोन एसके भगत के महमूदाबाद आने के बाद मिला। दोनों अफसरों ने रविवार को परिजन की सीएम योगी आदित्य नाथ से मुलाकात के साथ ही बेटे को सरकारी नौकरी समेत नौ मांगों के सहमति पत्र पर दस्तख्वत किए। इसके बाद परिजन अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हुए। दोपहर बाद बड़े बेटे सत्यम तिवारी ने चिता को मुखाग्नि दी। वहीं न्यूज एजेंसी एएनआई के ट्वीट के मुताबिक कमलेश तिवारी के परिजन सीएम योगी से मिलने उनके आवास पर राजधानी लखनऊ पहुंचे हैं।


पुलिस पर अभद्रता का आरोप

कमलेश तिवारी का शव महमूदाबाद लाए जाने पर उनकी मां ने आपत्ति जताई। वह नाका पुलिस पर खूब बरसीं और उत्पीड़न का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनके पोते और बहू तक को नहीं बख्शा। उनके साथ बदसलूकी की गई। इसके बाद शव को भी जबरदस्ती महमूदाबाद भेज दिया गया। इसी से आक्रोशित मां सीएम को महमूदाबाद बुलाने की जिद पर अड़ गईं। एसडीएम महमूदाबाद गिरीश झा और सीओ उदय प्रताप सिंह ने उन्हें समझाने का काफी प्रयास किया लेकिन बात नहीं बनी।

एडीएम, डीएम और विधायक की भी नहीं सुनी
घटना से आक्रोशित परिजन अंतिम संस्कार न करने की जिद पर अड़े थे तो पुलिस प्रशासन भी किसी तरह मामला सुलझाने में लगा था। सुबह करीब साढ़े सात बजे एडीएम विनय कुमार पाठक भी एसडीएम बिसवां के साथ महमूदाबाद पहुंचे। उन्होंने भी परिवार को समझाया, लेकिन नतीजा सिफर रहा। इसके बाद डीएम अखिलेश तिवारी और एसपी एलआर कुमार ने भी घर पर जाकर कोशिश की। इन दोनों ने अलग-अलग समय में तीन बार बातचीत की। कुर्सी विधायक साकेंद्र वर्मा भी परिवार वालों को मना नहीं पाए। एक बार तो प्रशासन ने ही विधायक को लौटाया। डीएम और एसपी कमलेश तिवारी के घर पहुंचे तो परिजन खासे आक्रोशित थे। इसी बीच कुर्सी विधायक भी वहां आ गए। इस पर डीएम ने विधायक से स्थिति का हवाला देकर वापस जाने का अनुरोध किया। विधायक ने भी डीएम की बात मान ली और वापस लौट गए।


अफवाह के बाद पनपा आक्रोश
सुबह के वक्त सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक टिप्पणी की जानकारी लोगों को हुई तो आक्रोश पनप गया। अचानक भीड़ बढ़ने लगी। इस दौरान एएसपी और लोगों में नोकझोक भी हुई। खैर, बाद में बात बन गई। एएसपी ने लोगों को समझाकर वापस कर दिया।

इन मांगों पर बनी सहमति


- रविवार को परिजन की सीएम से मुलाकात।

- एसआईटी व एनआईए से जांच। ये जांच आईजी स्तर के अधिकारी के अधीन होती है।

- 8 घंटे के भीतर परिजन की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।

- परिजन को आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी।

- कमलेश के बड़े बेटे सत्यम तिवारी को सरकारी नौकरी की अनुशंसा।

- सुरक्षा के लिए परिजन के आवेदन पर शस्त्र लाइसेंस दिया जाएगा।

- लखनऊ में एक आवास की व्यवस्था भी परिजन के लिए होगी।

- एडीएम व एएसपी की संयुक्त टीम करेगी पुलिसकर्मियों के रोल की जांच। बयान दर्ज होने के बाद होगी कठोर कार्रवाई।

परिजन से विभिन्न मांगों के संबंध में वार्ता हो गई है। परिवार को हर संभव सहायता मुहैया कराने के लिए सरकार से अनुशंसा की जाएगी।

मुकेश कुमार मेश्राम, कमिश्नर लखनऊ
lucknow@inext.co.in

 

 

National News inextlive from India News Desk