जमीन बेचकर कर्ज उतारने के पक्ष में नहीं थे पिता गुलाबचन्द्र

ALLAHABAD: गुलाबचन्द्र के बेटों में दूसरे नम्बर का मनोज कई महीनों से परेशान चल रहा था। पिता के साथ वह किसानी नहीं करना चाहता था, यही कारण था कि उसने सब्जी का कारोबार शुरू किया। उसका सब्जी का कारोबार इतने छोटे पैमाने पर था कि बड़ी मुश्किल से परिवार का खर्च चलता था। इसी बीच मनोज को शराब पीने और जुआ खेलने की लत लग गई।

ब्याज पर लेता था कर्ज

शराब और जुआ की लत के कारण मनोज कर्ज में डूब गया था। जब भी उसको जरूरत होती ब्याज पर रुपए ले लेता था। कर्ज देने वाले जब पैसों की मांग करते थे तो कर्ज चुकाने से बचने के लिए इधर-उधर भागता था। जब दबाव बहुत बढ़ा तो मनोज पिता पर बंटवारे का दबाव बनाने लगा। वह चाहता था कि बंटवारे के बाद अपने हिस्से की जमीन बेचकर कर्ज उतार दे। लेकिन पिता इसके लिए तैयार नहीं थे कि कर्ज उतारने के लिए जमीन बेची जाए। इसे लेकर पिता से मनोज का झगड़ा भी हुआ था।

बड़े भाई से की थी सिफारिश

मनोज ने बड़े भाई कल्लू से बंटवारे की बात कही तो उसने पिता के मामले में बोलने में असमर्थता जताई। हालांकि उसने ये जरूर कहा था कि यदि पिता बंटवारे को तैयार हों तो उसे कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि मनोज के घर और ससुराल वाले इस बात से इन्कार कर रहे हैं। उनका कहना है कि हालात इतने बदतर भी नहीं थे कि मनोज पत्‍‌नी और बच्चों को मारकर आत्म हत्या कर ले।