- संकटमोचन संगीत समारोह की अंतिम निशा में इंडिया के फेमस ड्रम परफॉर्मर शिवमणि ने दी बेहतरीन प्रस्तुति

- यू राजेश के मेंडोलिन व येल्ला वेंकटेश्वर राव के मृदंगम संग लगभग दो घंटे की प्रस्तुति देकर समारोह को बनाया यादगार

VARANASI:

संकट मोचन संगीत समारोह की छठवीं व अंतिम निशा सोमवार को वेस्टर्न व इंडियन म्यूजिक का बेहतरीन संयोजन देखने को मिला। बाबा दरबार में उपस्थित हर कोई इस बेहतरीन संयोजन को सुन कर झूम उठा। फेमस ड्रमर शिवमणि ने आखिरी निशा से लगी मंगलवार की भोर तक यू राजेश के मेंडोलिन व येल्ला वेंकटेश्वर राव के मृदंगम संग लगभग दो घंटे की प्रस्तुति देकर समारोह को यादगार बना दिया।

हर ध्वनि से िनकले सुर

शिवमणि ने ड्रम तो बजाया ही इसके साथ ही अपने अनूठे प्रयोगों से इस बात को सिद्ध किया कि हर ध्वनि में स्वर, लय व ताल है। उनके वाद्ययंत्रों में कई खास तो कुछ मामूली चीजें भी शामिल हुई। जिनसे निकलीं आवाजें सुर की झंकार बन गई। शिवमणि ने ड्रम वादन के बीच टैबलेट से डिजिटलाइज्ड साउंड निकाला और फ्यूजन के साथ ही ध्वनि अनुसंधान के कई नमूने पेश कर सबको सम्मोहित कर दिया। उन्होंने घुंघरु और घंटे की आवाज प्रस्तुत की। शिवमणि के साथ मंच साझा कर रहे मेंडोलिन श्रीनिवासन के नाम से ख्यात यू श्रीनिवास ने मेंडोलिन का जादू जगाया। खालिस शास्त्रीय पुट संभाले हैदराबाद के डॉ। येल्ला वेंकटेश्वर राव ने सुर-झंकार की बाजीगरी को शास्त्रीय संगीत का मान रखते हुए जवाब दिया। राग जोग, राग नाट्य, वकुला भरणम, नट भैरव, राग काफी पीलू में कलाकारों ने अपने साजों को स्वर दिए। हनुमत प्रभु को 'रघुपति राघव राजाराम' भजन समर्पित कर समापन किया।

श्रोताओं की लूटी वाहवाही

इसके अलावा मुंबई के संजय विद्यार्थी व दिल्ली के फरीद हसन ने युगल गायन, पं। संजू सहाय ने एकल तबला वादन कर श्रोताओं की वाहवाही बटोरी। संचालन पं। हरिराम द्विवेदी, प्रतिमा सिन्हा और बीएचयू आइएमएस के न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो। वीएन मिश्र ने संयोजन में सक्रिय भागीदारी की। रामयश मिश्र, सोनू झा, मनोज उपाध्याय, विश्वनाथ यादव समेत दर्जनों स्वयंसेवकों ने सहयोग किया। समापन के अवसर पर महंत प्रो। विश्वम्भरनाथ मिश्र ने संयोजन के भागीदारों को धन्यवाद दिया। बताया कि तिथि अनुसार ख्0क्म् में संगीत समारोह ख्म् अप्रैल से एक मई तक आयोजित होगा।