दिल्ली पुलिस ने जिलाधिकारी को सौंपी अपनी रिपोर्ट में राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह की मौत की घटना को एक हादसा माना है. पुलिस फॉरेंसिक रिर्पोट के आधार पर इस नतीजे पर पहुंची है. पुलिस ने बताया कि फॉरेसिंक एक्सपर्टस का कहना है कि गजेंद्र की मौत दम घुटने से हुई, और सारी सिचुएशन पर गौर करने से पुलिस को लगता है कि गजेंद्र ने पेड़ पर अपना संतुलन खो दिया और सिर्फ दिखाने के मकसद से उसके गले में बंधा गमछा, उसका पैर डाल से फिसलने पर उसके गले में फंस गया जिससे उसकी मौत हो गई.
अपनी रिपोर्ट में पुलिस ने कहा है कि उसने गजेंद्र को पेड़ से सुरक्षित उतारने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ की मदद और दमकल विभाग से सीढ़ी भी मांगी थी. रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि रैली में आए लोगों ने उसे उकसाया-भड़काया, जिसके बाद उसने यह फांसी लगाने का दिखावा किया. पुलिस ने कहा कि आप के वॉलंटियर्स ने उसे पेड़ से उतारने की कोशिश की और वे पेड़ पर भी चढ़े लेकिन वे ऐसे रेस्क्यू के लिए ट्रेंड नहीं थे इस वजह से उनका बैलेंस बिगड़ गया और गजेंद्र नीचे गिर पड़ा.
दिल्ली पुलिस ने यह रिपोर्ट दिल्ली सरकार के नियंत्रण वाले डीएम को सौंपी है. पुलिस की ये रिर्पोट आप पार्टी के लिए राहत की वजह बन सकती है लेकिन र्सोसेज की माने तो दिल्ली सरकार इस रिर्पोट से खुश नहीं हैं. ऐसे में हो सकता है कि परिवार की मांग को ध्यान में रखते हुए केंद्र मामले की इंक्वा यरी का दायित्व अब सीबीआई को सौंप दे.
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