RANCHI: चाईबासा के टोंटो क्षेत्र में रहने वाले एक किसान हरीश को रिम्स में नई जिंदगी मिली है। नाक में ब्लॉकेज की वजह से चार साल से सिर्फ मुंह से सांस लेकर जिंदगी व मौत से जूझ रहे हरिश को भाजपा नेता व झारखंड के पूर्व गृह सचिव जेबी तुबीद की पहल पर रिम्स में एडमिट कराया गया। डॉ चंद्रकांत की यूनिट में करीब महीने भर डॉक्टरों के निरीक्षण में रहने के बाद उनका ऑपरेशन किया गया और ब्लॉकेज को निकाल पाना संभव हुआ। अब हरीश पूरी तरह से स्वस्थ हैं। जल्द ही रिम्स से उन्हें छुट्टी मिल जाएगी और वो दोबारा अपने खेतों में काम कर पाएंगे। दरअसल, हरीश के नाक में कार्टिलेज बढ़ जाने से सांस की नली पूरी तरह से बंद हो चुकी थी। इस कारण सांस लेने के संकट के साथ आवाज खोने की भी समस्या उत्पन्न हो रही थी।

हरीश की दास्तां

नाक में ब्लॉकेज का इलाज कराने के लिए हरीश पहले चाईबासा सदर अस्पताल पहुंचे। लेकिन, यहां उनका इलाज नहीं हो पाया। हिंदी बोल पाने में असमर्थ हरीश केवल स्थानीय हो भाषा ही समझ और बोल पाते हैं। ऐसे में उन्होंने जेबी तुबिद से मिलकर अपनी भाषा में उन्हें समस्या बताई। तुबिद ने इसे गंभीरता से लिया और उन्हें तुरंत अपने प्रयास से रिम्स में डॉ। चंद्रकांत की यूनिट में भर्ती कराया। साथ ही हरीश को जल्द ठीक होने का विश्वास भी दिलाया। डॉक्टरों ने भी आश्चर्य किया कि आखिर चार साल से कोई व्यक्ति सिर्फ मुंह सांस लेकर कैसे रह सकता है।

डॉक्टरों ने जताई कैंसर की आशंका

शुरुवाती दौर में डॉक्टरों ने हरीश में कैंसर की आशंका जताई और रिम्स में इलाज संभव न होने की बात कही। इस पर पूर्व गृह सचिव ने अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए आश्वस्त किया की हरीश के इलाज में कोई कमी नहीं होगी। जरूरत पड़ने पर वह अपने खर्च से उनका इलाज किसी अच्छे हॉस्पिटल में भी कराएंगे। लेकिन, बायोप्सी रिपोर्ट में कैंसर की आशंका खत्म हो गई।

तुबिद सर न होते, तो मैं ठीक नहीं होता

हरीश अब पहले की तरह स्वस्थ हैं। उन्होंने रोते हुए बताया कि अब आइना देखता हूं, तो यकीन ही नहीं होता की सामने मैं ही हूं। अगर तुबिद सर नहीं होते, तो शायद मेरा ईलाज ही नहीं हो पाता। उन्होंने न केवल पैसों से बल्कि, इतने बड़े अस्पताल में खुद आकर मेरा ईलाज भी करवाया।