बिना रजिस्ट्री फीस जमा किए किसानों ने करा ली थी रजिस्ट्री

224 किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत

Meerut : शासनादेश को तोड़-मरोड़कर किसानों ने रजिस्ट्री विभाग को करोड़ों रुपए की चपत लगाई। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद किसानों को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली, वहीं मेरठ में 224 किसानों के खिलाफ विभिन्न न्यायालयों में मुकदमा दर्ज है। लगातार नोटिस जारी करने के बाद भी रजिस्ट्री फीस जमा न करने पर एआईजी स्टांप ने कड़ा कदम उठाया है। 29 दिसंबर तक रजिस्ट्री फीस जमा न करने वाले किसानों के खिलाफ वसूली के लिए आरसी जारी की जाएगी।

शासनादेश की आड़ में

गौरतलब है कि तत्कालीन बसपा सरकार के कार्यकाल में निबंधन अनुभाग के प्रमुख सचिव नेतराम ने जुलाई 2011 में एक शासनादेश जारी किया गया था। इसके मुताबिक स्टेट गर्वमेंट की परियोजनाओं में जिन किसानों अथवा जनसामान्य की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, उन्हें किसी अन्य स्थान पर जमीन की खरीद-फरोख्त करने पर स्टांप ड्यूटी नहीं देनी होगी। शासनादेश के मुताबिक उन्हीं किसानों को इस रियायत का लाभ मिलना था, जिन्हें यूपी गर्वमेंट की परियोजना के तहत मुआवजा मिला हो और छूट की समय सीमा भी सरकार ने सिर्फ एक वर्ष निर्धारित की थी।

करोड़ों की लगी चपत

मेरठ में सर्वाधिक ऐसी रजिस्ट्री 2014 से आरंभ हुई जो 2017 तक धड़ल्ले से चलीं। करीब 2.5 करोड़ रुपए का चूना किसानों ने रजिस्ट्री विभाग को लगाया। सर्वाधिक गोरखधंधा उप निबंधन द्वितीय कार्यालय (मेरठ-हापुड़ रोड क्षेत्र) में हुआ है। मेरठ-बुलंदशहर फोरलेनिंग, हापुड़ बाईपास, मेरठ-दिल्ली एक्सपे्रस-वे, डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर आदि केंद्रीय योजनाओं में मुआवजा हासिल करने वाले करीब 224 किसानों ने स्टांप ड्यूटी दिए बिना जमीनों की खरीद-फरोख्त की। एडीएम फाइनेंस कोर्ट में 204 केसेस दायर किए गए तो वहीं विभिन्न सब रजिस्ट्रार द्वारा 20 केस एआईजी स्टांप कोर्ट में दायर किए गए।

हाईकोर्ट से मिली हार

एडीएम फाइनेंस और एआईजी स्टांप कोर्ट में दायर केसेस में सुनवाई के बाद स्टांप शुल्क अदायगी के आदेश दिए गए तो वहीं किसान इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट चले गए। तत्कालीन एआईजी स्टांप संजय श्रीवास्तव ने सभी किसानों को अदायगी के लिए नोटिस जारी किए। एनएचएआई ने एक ओर किसानों को स्टांप शुल्क देने से हाथ खड़े कर लिए तो वहीं हाईकोर्ट में भी किसान केस हार गए। ऐसे में निबंधन विभाग ने एक बार फिर किसानों पर स्टांप फीस अदा करने के लिए दबाव बनाया है। एआईजी स्टांप वीके तिवारी ने बताया कि 29 दिसंबर तक स्टांप फीस अदा न करने वाले किसानों के खिलाफ आरसी जारी की जाएगी।

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हाईकोर्ट ने किसानों के विरुद्ध आर्डर दिया है तो वहीं स्टांप शुल्क और उसपर ब्याज लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में किसानों को चाहिए कि वे स्टांप फीस अदा कर दें। यदि कहीं से राहत मिलती है तो सरकार उन्हें पैसा लौटा देगी। 29 दिसंबर से स्टांप फीस वसूली के लिए आरसी जारी की जाएगी।

-वीके तिवारी, एआईजी स्टांप, मेरठ