-प्रबन्ध निदेशक, इफको डॉ। उदय शंकर अवस्थी ने 'नैनो अनुसंधान प्रयोगशाला' का किया लोकार्पण

बरेली:

इफको आंवला ईकाई के एमडी डॉ। उदय शंकर अवस्थी ने वेडनसडे को इफको आंवला स्थित जैव उर्वरक उत्पादन इकाई, कॉरडेट में नैनो लैब का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का लक्ष्य है कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो। इसके लिए इफको फैक्ट्री की तरफ से किसानों के लिए कम लागत के साथ देश भर में नैनो तकनीक के जरिए अच्छी गुणवत्ता वाले उर्वरक उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इन उत्पादों के जरिए उत्पादन लगभग तीस प्रतिशत तक बढ़ सकेगा। जबकि इसके प्रयोग के द्वारा मिट्टी की गुणवत्ता में वृद्धि होगी।

किसान भी रहे मौजूद

उन्होंने कहा कि नैनो विधि से उत्पादन के साथ-साथ मिट्टी के स्वास्थ्य में भी सुधार आएगा। देश के सभी राज्यों में नैनो उत्पादों का प्रयोग किया जाएगा। देश के सभी जिलों में इफको द्वारा निर्मित नैनो उत्पादन नाइट्रोजन, कॉपर और जिंक का प्रयोग किया जाएगा। इस बीच सभी राज्यों के किसानों के खेतों को चयनित किया गया है जहां पर इन उर्वरकों का इस्तेमाल होगा। इफको आंवला इकाई में 'नैनों अनुसंधान प्रयोगशाला' के शुभारंभ से न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि अन्य प्रदेश के किसान भी लाभांवित होगें।

क्या है मृदा पोषक

मिटटी में पोषक तत्वों का भंडार है यह पौधों को सीधे खड़ा रहने के लिए सहारा देती है। पौधों को अपना जीवन चक्र पूरा करने के लिए 16 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। ये मुख्य तत्व कार्बन, हाइडोजन, आक्सीजन, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, कैल्सिशयम, मैग्नीशियम और सूक्ष्म तत्व जस्ता, मैग्नीज, तांबा, लौह, बोरोन मोलिबडेनम व क्लोरीन हैं।

इन सभी तत्वों का संतुलित मात्रा में प्रयोग करने से ही उपयुक्त पैदावार ली जा सकती है। इस अवसर पर आंवला इकाई के वरिष्ठ महाप्रबंधक आईसी झा ने परियोजना के शुभारंभ पर आये किसानों का आभार व्यक्त किया।