नई दिल्ली (एएनआई)। कृषि कानूनों के खिलाफ देश की राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। केंद्र सरकार और किसानों के बीच बात बनती नहीं दिख रही है।सरकार की ओर से किए जा रहे सारे प्रयास विफल साबित हो रहे हैं। ऐसे में सिंघू और टिकरी में हरियाणा के साथ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के विरोध प्रदर्शन ने आज शुक्रवार को 30 वें दिन प्रवेश किया है। दिल्ली-यूपी बाॅर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बाॅर्डर पर सुरक्षा बल तैनात किया गया है।


जब तक कानून वापस नहीं होंगे हम यहीं बैठेंगे
वहीं इस दाैरान एक एक प्रदर्शनकारी ने बताया, हमें यहां बैठे हुए क़रीब एक महीना हो गया है, हमारी मांगें अब तक पूरी नहीं हुई हैं। जब तक काले कानून वापस नहीं होंगे हम यहीं पर बैठेंगे। दिल्ली-यूपी बाॅर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बाॅर्डर पर चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। वहीं दो दिन पहले भी 23 दिसंबर को किसान यूनियनों ने सरकार को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वे निरर्थक संशोधनों को बिल्कुल न दोहराएं, जिन्हें किसानों ने पहले ही खारिज कर दिया था।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की


वहीं कल देश की राजधानी दिल्ली में किसान मजदूर संघ, बागपत के 60 किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कृषि भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान मजदूर संग, बागपत कृषि भवन में आए। हमने उनका स्वागत किया। ये सभी किसान कृषि सुधार कानूनों का समर्थन करना चाहते हैं। इन्होंने मुझे समर्थन पत्र भी दिया। उन्होंने कहा कि कृषि सुधार कानूनों में संशोधन के लिए सरकार को दबाव में आने की जरूरत नहीं है।

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