नई दिल्ली (एएनआई)। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत अन्य कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। ये लोग कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रपति को 2 करोड़ हस्ताक्षर का ज्ञापन सौंपने जा रहे थे। पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद गांधी ने कहा कि हम एक लोकतंत्र में रह रहे हैं और उन्हें सांसद चुना गया है। उन्हें राष्ट्रपति से मिलने का अधिकार है और उन्हें अनुमति दी जानी चाहिए। इससे क्या समस्या है? सरकार सीमाओं पर डेरा डाले लाखों किसानों की आवाज सुनने को तैयार नहीं है? कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यह भी कहा कि जवान किसान का बेटा होता है, जो किसानों की आवाज ठुकरा रहा है, अपनी जिद्द पर अड़ा हुआ है जबकि देश का अन्नदाता बाहर ठंड में बैठा है तो उस सरकार के दिल में क्या जवान, किसान के लिए आदर है या सिर्फ अपनी राजनीति, अपने पूंजीपति मित्रों का आदर है?


राहुल ने कहा कि मैं एडवांस में चीज बोल देता हूं
वहीं राहुल गांधी ने राष्ट्रपति से मिलने के बाद कहा कि राष्ट्रपति से हमने कहा कि ये जो कानून बनाए गए हैं ये किसान विरोधी हैं और इनसे किसानों,मज़दूरों का नुकसान होने वाला है। मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि किसान हटेगा नहीं, प्रधानमंत्री को ये नहीं सोचना चाहिए कि किसान, मज़दूर घर चले जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं एडवांस में चीज बोल देता हूं, मैंने कोरोना वायरस के बारे में भी बोला था कि नुकसान होने जा रहा है। उस समय किसी ने बात नहीं सुनी। आज मैं फिर से बोल रहा हूं किसान, मजदूर के सामने कोई भी शक्ति खड़ी नहीं हो सकती। चीन ने भारत की हजारों किलोमीटर जमीन छीन ली है। हमारे प्रधानमंत्री उनके बारे में क्यों नहीं कहते?


सत्तापक्ष के मंत्रियों ने जमकर निशाना साधा
वहीं किसानों के समर्थन में सड़क पर उतरे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को लेकर सत्तापक्ष के मंत्रियों ने जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी के बयान 'भारत में कोई लोकतंत्र नहीं है' पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि शायद वो(राहुल गांधी) इतिहास नहीं पढ़े हैं। आपातकाल भारत के इतिहास में काले अक्षर में है, राहुल गांधी को पढ़ लेना चाहिए। यूपी डिप्टी सीएम ने कहा कि किसानों के लिए PM साल में 6,000 रुपये भेजते हैं और पूरा पैसा किसानों के खाते में जाता है। अब तक पीएम किसान निधि से 1 लाख करोड़ रुपया से अधिक भेजे गए हैं। अगर कांग्रेस होती तो 15,000 करोड़ रु. किसानों के खाते में और 85,000 करोड़ रुपया कांग्रेस के दलालों के खाते में जाता।

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