नई दिल्ली (एएनआई)। कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है। टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 41वें दिन में प्रवेश कर गया है। यहां बॉर्डर पर किसानों की गुस्सा और उनका विरोध प्रदर्शन को देखते हुए भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात है। वहीं किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा कि सरकार की नीयत में खोट है। 8 जनवरी को 8वें दौर की बात होगी। बातचीत में कुछ निकलता दिखाई नहीं दे रहा। सरकार एक कदम भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि कानून फायदेमंद हैं। प्रधानमंत्री खुद बैठक कर कानूनों को निरस्त करने की बात करें।

कृषि कानूनों को रद किए बिना कोई बात नहीं

गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन 39वें दिन भी जारी है। इस दाैरान यहां के एक प्रदर्शनकारी ने बताया, बारिश और ठंड से हमें कोई दिक्कत नहीं हो रही है किसान का जीवन ही संघर्ष है। हम यहां से तभी ही जाएंगे जब सरकार MSP को कानून बना देंगे। इससे पहले हम नहीं जाएंगे। वहीं सोमवार को सरकार और किसानों के बीच हुई सातवें दाैर की बैठक के बाद किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि सरकार को यह बात समझ आ गई है कि किसान संगठन कृषि कानूनों को रद किए बिना कोई बात नहीं करना चाहते हैं। हमसे पूछा गया कि क्या आप कानून को रद किए बिना नहीं मानेंगे तो हमने कहा कि हम नहीं मानेंगे।

सरकार देशभर के किसानों के प्रति प्रतिबद्ध

वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के साथ वार्ता के बाद कहा कि सरकार देशभर के किसानों के प्रति प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार जो भी निर्णय करेगी, वह सारे देश को ध्यान में रखकर ही करेगी। चर्चा का माहौल अच्छा था परन्तु किसान नेताओं के कृषि कानूनों की वापसी पर अड़े रहने के कारण कोई रास्ता नहीं निकल पाया। अब 8 तारीख को अगली बैठक होगी। किसानों का भरोसा सरकार पर है इसलिए अगली बैठक तय हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि हम चाहते हैं कि किसान यूनियन की तरफ से वो विषय आए जिस विषय में किसान को कोई परेशानी होने वाली है, उस विषय पर केंद्र सरकार खुले मन से विचार करने को तैयार है।

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