नई दिल्ली (पीटीआई)। कृषि कानूनों के खिलाफ देश की राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर विरोध कर रहे किसानों ने कहा कि उनका विरोध जारी है। इतना ही नहीं बुधवार को लोहड़ी के त्योहार पर सभी प्रदर्शन स्थलों पर केंद्र के नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाएंगे। लोहड़ी को ज्यादातर उत्तर भारत में मनाया जाता है, जो वसंत के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। इस अवसर पर किसान नेता मंजीत सिंह राय ने कहा कि वे शाम को सभी विरोध स्थलों पर कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर लोहड़ी मनाएंगे। लगभग 40 प्रदर्शनकारी किसान संघों का एक छत्र निकाय संयुक्त किसान मोर्चा अगले दिन कार्रवाई के बारे में चर्चा करने के लिए दिन में एक बैठक करेगा।

26 जनवरी का प्रोग्राम पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा

वहीं आगे की तैयारियाें के संबंध में बलबीर सिंह राजेवाल, किसान नेता ने कहा कि हमारा 26 जनवरी का प्रोग्राम पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा, जिस तरह से भ्रम फैलाया जा रहा है जैसे किसी दुश्मन देश पर हमला करना हो, ऐसी गैर जिम्मेदार बातें संयुक्त किसान मोर्चा की नहीं हैं। 26 जनवरी के प्रोग्राम की रूपरेखा हम 15 जनवरी के बाद तय करेंगे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को विवादास्पद कृषि कानूनों को अगले आदेशों तक लागू करने पर रोक लगा दी और केंद्र और दिल्ली के किसान यूनियनों का विरोध करने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया।

28 नवंबर से दिल्ली के कई सीमाओं पर हो रहा प्रदर्शन

हजारों किसान, जिनमें ज्यादातर हरियाणा और पंजाब के हैं, पिछले साल 28 नवंबर से दिल्ली के कई सीमा बिंदुओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। तीन कानूनों को रद करने और अपनी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं। पिछले साल सितंबर में बनाए गए कानूनों को केंद्र द्वारा कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों के रूप में पेश किया गया है जो बिचौलियों को दूर करेगा और किसानों को देश में कहीं भी फसल बेचने की अनुमति देंगे। हालांकि, प्रदर्शनकारी किसानों ने यह आशंका व्यक्त की है कि नए कानून एमएसपी खत्म कर देंगे।

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