भीषण गर्मी के बाद भी अनशन पर डटे रहे छात्र, दो और पहुंचे अस्पताल

क्षेत्रीय निदेशक को परिणाम भुगतने की धमकी, सीबीआई जांच की मांग

ALLAHABAD: स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन (एसएससी) की कांस्टेबल जीडी परीक्षा 2011 को लेकर बवाल बढ़ता जा रहा है। इस भर्ती परीक्षा में शामिल अभ्यर्थी चयन प्रक्रिया में धांधली के आरोपों से पीछे हटने का नाम नहीं ले रहे। जनपद में पड़ रही भीषण गर्मी के बाद भी अनशन स्थल पर अभ्यर्थियों का बड़ा समूह दिन रात डटा हुआ है। इससे एसएससी के अफसर भी सकते में आ चुके हैं। इस बीच इलाहाबाद के छात्रों एवं छात्र संगठनो के बढ़ते सहयोग ने भी अफसरों के कान खड़े कर दिए हैं।

अस्पताल पहुंच चुके हैं कई छात्र

गौरतलब है कि लाउडर रोड स्थित एसएससी ऑफिस के बाहर जीडी कांस्टेबल परीक्षा 2011 के अभ्यर्थियों का धरना ट्यूजडे से शुरु हुआ है। सैटरडे को भी अभ्यर्थियों का धरना जारी रहा। गर्मी से अब तक कई छात्रों की हालत बिगड़ चुकी है। इनमें से पांच को एसआरएन अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जिनमें हरिशंकर राय, अवनीश मिश्रा, राजन सिंह, सूरज यादव एवं जितेन्द्र यादव शामिल हैं। इनमें हरिशंकर राय की तबियत ज्यादा बिगड़ गई है। कई छात्रों के अस्पताल में एडमिट होने के बाद भी विक्रम त्रिपाठी एवं गोपाल सिंह का अनशन जारी है।

नहीं बर्दाश्त करेंगे अफसरशाही

छात्रों का आरोप है कि एसएससी ने इस भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली की है। कई सारे छात्रों के चयन में अनियमितता बरती गई है। उनकी मांग है कि परीक्षा के माध्यम से मेडिकली फिट छात्रों का चयन किया जाए। क्योंकि इसमें 28 हजार से ज्यादा पद रिक्त हैं। ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के जिला प्रभारी राजेश सचान ने सैटरडे को अनशन स्थल पर पहुंचकर अभ्यर्थियों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि एसएससी कार्यालय के बाहर अनशन के पांच दिन बीत चुके हैं। लेकिन ऑफिस के अन्दर बैठे एसएससी के क्षेत्रीय निदेशक जेपी गर्ग ने अभी तक छात्रों से संवाद नहीं किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय निदेशक की अफसरशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

जनसमर्थन की अपील, निशाने पर केन्द्र सरकार

राजेश सचान ने पूरी भर्ती प्रक्रिया की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने क्षेत्रीय निदेशक को वार्ता न करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। वहीं भ्रष्टाचार विरोध संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी परशु गुप्ता ने इलाहाबाद के छात्रों से भ्रष्टाचार के खिलाफ व्यापक जनसमर्थन देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि परीक्षा में प्रत्येक स्तर पर सफल होने के बाद मेडिकल टेस्ट होता है। ऐसे में खाली छोड़े गए पदों पर भर्ती न करना समझ से परे है। एसएससी ऑफिसर्स के हठवादी रवैये के खिलाफ उन्होंने केन्द्र सरकार को भी निशाने पर लिया।