आई एक्सक्लूसिव

-सियासी नूराकुश्ती में नुकसान झेल रहे प्रचार सामग्री वाले

-करीब 20 हजार झंडे तैयार, नहीं मिल रहा 'साइकिल' का खरीददार

-नोटबंदी ने फीका किया नेताओं का मिजाज, बिक्री में आई गिरावट

Meerut। यूपी में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद चारों ओर सियासी रंगत नजर आ रही है किंतु सपा में बाप-बेटे की नूराकुश्ती ने प्रचार सामग्री वालों को परेशानी में डाल दिया है। मेरठ में चचा मोहम्मद हबीब की दुकान पर 20 हजार सपा के झंडे छपे पड़े हैं, अब बिकेंगे कि नहीं यह सवाल चचा को परेशान कर रहा है। इससे बड़ी मुसीबत चुनाव आयोग ने खड़ी कर दी है, कहीं साइकिल का निशान ही न रहा तो क्या करेंगे?

इंदिरा चौक पर हैं दुकानें

मेरठ में इंदिरा चौक पर चुनाव प्रचार सामग्री की दुकानें हैं। आई नेक्स्ट टीम ने शुक्रवार को इन दुकानों को सियासी मिजाज को भांपा। नेशनल लोकमत पार्टी (नेलोप) के झंडों को बांस में फंसा रहे एशियन चुनाव प्रचार सामग्री के मालिक शाह आलम बोले के कि इस बार चुनाव में सपा की नूराकुश्ती ने मजा किरकिरा कर दिया। एक तो नोटबंदी, ऊपर से बाप-बेट की कुश्ती। कुछ समझ नहीं आ रहा कि बिक्री होगी भी नहीं। सरधना सीट से विधानसभा प्रत्याशी पिंटू राणा का आर्डर आया था, फिलहाल होल्ड पर रखा हुआ है। अमित जानी ने भी सामग्री छपाने का आर्डर होल्ड कर दिया है।

भांप रहे हैं सियासी चाल

चुनाव सामग्री विक्रेता सपा की सियासी चाल को भांप रहे हैं। आसिफ का कहना है कि यदि सपा निशान पर कोई लोचा हुआ तो बड़ा नुकसान हो जाएगा। विधानसभा चुनाव के चलते भारी मात्रा में मुलायम-अखिलेश के नाम की चुनाव सामग्री जुटा रखी है। चुनाव की घोषणा के बाद सूबे में सियासी सरगर्मी चरम पर है तो इस बाजार में सन्नाटा पसरा है। इंतजार है तो हालात के दुरस्त होने का।

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नोटबंदी के साथ सपा की नूराकुश्ती ने हमारा नुकसान करा दिया। अब तक बड़े आर्डर आ जाते अब झंडे-पताका बिकना तक मुश्किल है।

शाह आलम, विक्रेता

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करीब 20 हजार सपा के झंडे और पताका बनवा लिए थे, अब बिक नहीं रहे हैं। कई आर्डर होल्ड हो गए हैं। पैसा फंस गया है, स्थिति नियंत्रित हो, तो बात बने।

मोहम्मद हबीब, विक्रेता