नहीं हुई पुष्टि
आतंकी संगठन आइएस ने भारतीय पादरी रेवरएंड थॉमस उजुन्नालिल की हत्या कर दी है। आतंकियों ने गुड फ्राइडे के दिन यमन में उन्हें सूली पर लटकाया। वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार उन्हें ठीक उसी अंदाज में सूली पर लटकाया गया जिस तरह से ईसा मसीह को रोमनों ने लटकाया था। ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में ईस्टर समारोह के दौरान कार्डिनल क्रिस्टोफर श्नोबर्न ने भी उनकी हत्या की पुष्टि की। हालांकि फादर थॉमस के परिजनों और भारत सरकार की ओर से इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

मिशनरी ऑफ चैरिटीज से जुड़े थे फादर
56 वर्षीय थॉमस एक कैथोलिक पादरी थे और केरल के कोट्टायम के रामापुरम के रहने वाले थे। वे यमन में मदर टेरेसा मिशनरीज के चैरिटी के लिए काम करते थे। अदन के एक वृद्धाश्रम से बीते चार मार्च को आतंकियों ने उन्हें अगवा किया था। इस हमले में दो भारतीय नर्सो की मौत भी हो गई थी। इस वृद्धाश्रम की स्थापना मदर टेरेसा ने 1992 में की थी।

पहले ही जारी की गयी थी गुड फ्राइडे पर हत्या की आशंका
गुड फ्राइडे पर उनकी हत्या की जाने की आशंका सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका स्थित एक धार्मिक संगठन की ओर से फेसबुक पेज पर दी गई थी। इस पोस्ट में लिखा था कि यमन स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी के ओल्ड एज होम से अगवा किए गए फादर थॉमस को भयंकर यातना दी जा रही है। गुड फ्राइडे के मौके पर उन्हें सूली पर चढ़ा दिया जाएगा। पोस्ट में फादर के लिए प्रार्थना करने की अपील की गई थी।

जारी थे रक्षा के प्रयास
इसके बाद से उन्हें बचाने के लिए वैश्रि्वक स्तर पर प्रयास किए जा रहे थे। शनिवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि उनकी रिहाई के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया था कि रिहाई के लिए अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन, वेटिकन सिटी, जॉर्डन व अबू धाबी के कैथोलिक चर्च समूह भी प्रयास कर रहे हैं।

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