पीयूसी के नाम पर सरेआम हो रही अवैध वसूली

60 से 80 रुपए तक ली जा रही पीयूसी की फीस

Meerut। चालान का रेट बढ़ा तो वाहन चालकों ने तेजी से अपने वाहन के कागजात पूरा करने शुरू कर दिए। इसका फायदा अब आरटीओ एजेंट से लेकर पीयूसी यानि पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट जारी करने वाले सेंटर भी उठाने लगे हैं। वाहन चालकों की संख्या बढ़ता देख एजेंटों ने भी डीएल के दाम बढ़ा दिए हैं वहीं पीयूसी सेंटर वाले भी मनमर्जी के दाम वसूल रहे हैं। वाहन चालकों को ऑनलाइन स्लिप दी जाती है इसलिए वाहन चालक रेट का विरोध भी नही करते।

पीयूसी नही तो 2500 जुर्माना

1 सितंबर से टू व्हीलर से लेकर फोर व्हीलर के कागजात पूरे न होने पर जुर्माना क्या बढ़ा आवेदकों की कतारें पॉल्यूशन सेंटर, बीमा कंपनियों और आरटीओ कार्यालय में बढ़ गई हैं। पॉल्यूशन सर्टिफिकेट न होने पर ढाई हजार रुपए का जुर्माना वसूला जा रहा है। ऐसे में पॉल्यूशन सेंटर पर रोजाना वाहनों की कतारें बढ़ती जा रही हैं। सबसे अधिक भीड़ दुपहिया वाहन चालकों की है। क्योंकि ढाई हजार रुपए दुपहिया वाहन चालकों के लिए भारी जुर्माना है। दुपहिया वाहन चालकों की इस भीड़ का फायदा जांच केंद्र संचालन जमकर उठा रहे हैं।

दोगुनी हो गई वसूली

पॉल्यूशन सेंटर के लिए परिवहन विभाग द्वारा 30 रुपए दुपहिया वाहन के लिए निर्धारित की गई है, लेकिन जांच सेंटर संचालकों द्वारा 60 से 80 रुपए फीस वसूली जा रही है। आवेदकों को सही फीस की जानकारी न होने का फायदा संचालक उठा रहे हैं। दरअसल पॉल्यूशन की ऑनलाइन जांच होने के बाद सर्टिफिकेट और फीस स्लिप जारी होती है। इस स्लिप पर जहां फीस लिखी होती है, वहां सेंटर संचालक अपनी मोहर लगाकर 30 रुपए की फीस छुपा देता है और मनमर्जी से 80 या 60 रुपए फीस वसूल लेता है।

पीयूसी सेंटर्स की फीस निर्धारित है। अब यदि वाहन चालक से अधिक वसूली हो रही है तो वह शिकायत कर सकता है। सेंटर पर कार्यवाही की जाएगी।

सीएल निगम, आरआई

जब पॉल्यूशन कराने गए थे तो सेंटर संचालक ने 60 रुपए चार्ज बोला था हमें फीस स्लिप भी दी गई लेकिन उस पर मोहर के नीचे 30 रुपए लिखा हुआ था।

सतीश

ये ध्यान देने वाली चीज है। जिनको नही पता उनसे मनमानी फीस ले रहे हैं। मैने जब स्लिप को देखा तो 30 रुपए के ऊपर मोहर लगी हुई थी। जब कहा तो सेंटर वाले बोले की यह हर वाहन के लिए अलग है।

सन्नी

जांच की रेट लिस्ट किसी सेंटर पर नही लगी हुई है। ऐसे में वाहन चालक को कैसे पता चले कि क्या फीस देनी है। हमने भी 80 रुपए में पीयूसी बनवाया था।

नदीम