-बुखार से जिले में आंवला, बिथरी चैनपुर और फतेहगंज पश्चिमी में हुई पांच मौतें

BAREILLY :

डिस्ट्रिक्ट में बुखार के कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। थर्सडे रात और फ्राइडे को बुखार से पांच लोगों की जान चली गई। वहीं राज्य स्वास्थ्य टीम ने क्षेत्र के बुखार संक्रामक गांव में जाकर स्थित का जायजा लिया। इसके साथ ही टीम ने डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट मरीजों की भी जांच की और फाइलों में दी जा रही दवाएं भी चेक की। वहीं फ्राइडे को भी बुखार से जिले में पांच और लोगों की मौत हो गई। जिसमें आंवला में तीन तो बिथरी चैनपुर व फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र में दो लोगों ने दम तोड़ दिया।

देर शाम लगाइर् मच्छरदानी

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में थर्सडे को एडी हेल्थ डॉ। प्रमिला गौड के निरीक्षण के दौरान इमरजेंसी में थर्मामीटर भी नहीं मिला। इसके साथ ही उन्होंने मलेरिया मरीजों को मच्छरदानी में रखने का निर्देश दिया था। जिस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की। फ्राइडे को उनकी डांट के बाद वार्ड में थर्मामीटर और मलेरिया किट तो दिखाई देने लगी, लेकिन मच्छरदानी नहीं दिखाई दी। हालांकि, देर शाम मच्छरदानी भी लगा दी गई।

बेहटा बुजुर्ग में हुई 15वीं मौत

आंवला क्षेत्र में संक्रामक बुखार से मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। फ्राइडे को क्षेत्र में तीन मौतें बुखार के कारण हो गई.ं भमोरा के ग्राम डप्टा श्यामपुर में छविराम के 7 वर्षीय बेटे की बुखार से मौत हो गई। उसे तीन दिन से बुखार आ रहा था। अलीगंज क्षेत्र के ग्राम मंडोरा में 50 वर्षीय मनीराम लोधी की मौत हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में अब तक 8 लोगों की बुखार से मौत हो चुकी है। बिशारतगंज क्षेत्र के ग्राम बेहटाबुजुर्ग में मुन्ने के 12 वर्षीय बेटे इम्तियाज की मौत हो गई। बुखार से बेहटा बुजुर्ग में यह 15वीं मौत है।

दिल्ली में इलाज के दौरान मौत

फतेहगंज पश्चिमी के मोहल्ला अहमदनगर निवासी इमरान 21 वर्षीय की फ्राइडे को मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि उसे पांच दिन पहले तेज बुखार आ रहा था। डॉक्टर को दिखाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, उनकी हालत बिगड़ गई। परिजनों उनका इलाज बरेली में कराया। वहां डॉक्टर ने उन्हें दिल्ली के लिए रेफर कर दिया.परिजन उन्हें लेकर दिल्ली पहुंचे, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

रजऊ परसपुर में हुई एक मौत

बिथरी चैनपुर के गांव रजऊ परसपुर निवासी बाबूराम 45 पांच दिन से बुखार आ रहा था। थर्सडे शाम को हालत बिगड़ी और मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि बाबूराम को गांव में ही डॉक्टर दवा दिला रहे थे।

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टीबी वार्ड में मौत, नहीं मिला शव

टीबी में एडमिट ऋषिराम शर्मा 49 वर्षीय को समाज सेवी ने 29 अगस्त को एडमिट कराया था। परिवार वालों को जानकारी मिली तो वह हॉस्पिटल पहुंचे। जहां पर उनका इलाज चल रहा था। थर्सडे को परिवार वालों को जानकारी मिली कि ऋषिराम की 11 सितम्बर को मौत हो गई है। फ्राइडे को जब ऋषिराम की भांजी लवी शर्मा पहुंची तो वहां पर वार्ड में उनका शव नहीं मिला। जिस पर लवी ने सीएमएस डॉ। केएस गुप्ता से शिकायत कर जानकारी मांगी। जिस पर उन्होंने कहा कि वह इसमें कोई मदद नहीं कर सकते। क्योंकि जब एडमिट की जानकारी थी तो मौत के समय परिवार क्यों नहीं आया।