सातवें वेतन आयोग के खिलाफ कर्मचारियों ने उगला जहर, किया हड़ताल का समर्थन

ALLAHABAD: केंद्र सरकार द्वारा सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू किए जाने के बाद कर्मचारियों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को तमाम कर्मचारी संगठनों ने धरना प्रदर्शन और सभाएं कर अपनी मांगे सरकार के सामने रखते हुए आयोग की रिपोर्ट को कर्मचारी विरोधी करार दिया। उन्होंने मांगे नहीं माने जाने पर 11 जुलाई से हड़ताल की चेतावनी भी दे डाली। उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ की बैठक जिलाध्यक्ष नर सिंह की अध्यक्षता में हुई, जिसमें सातवें वेतन आयेाग को एक जनवरी 2014 से लागू करने, न्यूनतम वेतन 26 हजार किए जाने, पुराने पेंशन व्यवस्था बहाल करने समेत दस सूत्रीय मांगों को समर्थन किया गया। केंद्रीय कर्मचारी समन्वय समिति के को आर्डिनेटर कृपाशंकर श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों की मांग नहीं मानी तो सरकार की चूलें हिला दी जाएंगी।

रिपोर्ट की प्रतियां जलाई

मिनिस्टीरियल एसोसिएशन इरीगेशन डिपार्टमेंट उप्र जिला शाखा इलाहाबाद ने सिचाई विभाग कालोनी गोविंदपुर के गेट पर सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट की प्रतियां जलाकर आक्रोश व्यक्त किया। जिला मंत्री पीयूष कुमार ने कहा कि 11 जुलाई से होने वाली हड़ताल में सिचाई विभाग का पूर्ण समर्थन रहेगा। शैलेंद्र श्रीवास्तव, अशोक यादव, नागेंद्र कुमार आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। आल इंडिया वर्कर्स कौंसिल की बैठक राधेश्याम यादव की अध्यक्षता में हुई, जिसमें संगठन के प्रांतीय उपाध्यक्ष सुमित श्रीवास्तव ने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर बैठक चर्चा कराया। बैठक में कड़ेदीन यादव, कृपा शंकर श्रीवास्तव, हरी शंकर ओझा आदि ने हड़ताल का समर्थन किया।