- प्राइवेट स्कूलों का सेशन अप्रैल से हो चुका है स्टाट

पैरेंट्स से पहले ही फीस स्ट्रक्चर के हिसाब से जमा करवा ली है फीस

देहरादून,

स्कूलिंग इमेज को सुधारने के लिए राज्य सरकार फीस एक्ट का मसौदा तैयार कर चुकी है, जिसे जुलाई में लागू करने का दावा किया जा रहा है. लेकिन प्राइवेट स्कूलों में इस सेशन की फीस पहले ही जमा हो चुकी है, अप्रैल से स्कूलों में नया सेशन शुरू हो चुका है. ऐसे में प्राइवेट स्कूलों में फीस एक्ट इस सेशन से लागू होना मुश्किल है. इधर फीस एक्ट के मसौदे को लेकर प्राइवेट स्कूलों के संगठन पीपीएसए ने विरोध शुरू कर दिया है.

15 दिन का मिला है टाइम

वेडनसडे को एजुकेशन मिनिस्टर अरविंद पांडे ने फीस एक्ट का मसौदा सामने रखा. अरविंद पांडे ने कहा कि लम्बे समय से पैरेंट्स इस बात का इंतजार कर रहे थे कि प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए फीस एक्ट लागू हो, ऐसे में सरकार ने ये पहला कदम उठाते हुए फीस तय करने के लिए डिस्ट्रिक्ट लेवल पर ही डीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनाने का फैसला किया है, जो 15 दिन में फीस निर्धारित करेगी. इसके बाद जुलाई में फीस एक्ट लागू कर दिया जाएगा. फीस एक्ट में ओपन सुझाव का भी प्रावधान रखा गया है. कोई भी अपना सुझाव 15 दिनों के भीतर इस कमेटी के सामने रख सकता है.

इस वर्ष की फीस पहले ही तय

प्राइवेट स्कूलों ने इस सेशन की फीस का निर्धारण पहले ही हो चुका है. जिसका एक हिस्सा अप्रैल में जमा किया जा चुका है. अब फीस एक्ट अगले सेशन से ही संभव है. प्राइवेट स्कूलों के संगठन पीपीएसए के अध्यक्ष प्रेम कश्यप ने राज्य सरकार के फीस एक्ट को सिरे से नकार दिया. प्रेम कश्यप ने दावा किया कि कोर्ट ने पहले ही फीस निर्धारण का अधिकार स्कूल प्रबंधन को दिया है. जिसमें स्कूल के इन्फ्रॉस्ट्रक्चर और सुविधाओं के हिसाब से फीस निर्धारित होती है, इसके साथ ही हर वर्ष 10 से 15 फीसदी फीस बढ़ाने का भी प्रावधान है. प्रेम कश्यप का कहना है कि ऐसे में कोई भी सरकार किसी स्कूल की फीस निर्धारित नहीं कर सकती है. उन्होंने कहा कि सभी प्राइवेट स्कूल इसका विरोध कर राज्य सरकार के सामने इसका पुरजोर विरोध करेंगे.