देहरादून: प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए अगली कैबिनेट मीटिंग में स्कूलों के लिए फीस रेगुलेशन एक्ट पर आखिरी मुहर लग जाएगी। एक्ट को लेकर अफसर इन दिनों मंथन में जुटे हैं, एक्ट का मसौदा तैयार किया जा रहा है।

 

ग्रेडिंग के आधार पर तय होगी फीस

मंडे को सचिवालय में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने प्राइवेट स्कूलों के लिए फीस एक्ट को लेकर अफसरों से मंथन किया। शिक्षा मंत्री ने साफ किया कि प्राइवेट स्कूल्स की ्रग्रेडिंग के आधार पर ही एक्ट में फीस तय की जाएगी। एक्ट को प्रभावी बनाने के लिए स्टेट से डिस्ट्रिक्ट लेवल तक कमेटियों का गठन किया जाएगा, जिसका कार्यकाल दो वर्ष होगा।

 

जितनी शिकायत, उतना मोटा जुर्माना

पहली बार शिकायत- 1 लाख रु। जुर्माना।

दूसरी बार शिकायत- 5 लाख रु। जुर्माना।

तीसरी बार शिकायत- स्कूल की मान्यता रद।

 

वेबसाइट पर दर्शानी होगी फीस

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने बताया कि फीस एक्ट के तहत एजुकेशनल सेशन शुरू होने से पहले ही सभी प्राइवेट स्कूलों को अपनी वेबसाइट पर फीस की डिटेल अनिवार्य रूप से देनी होगी। स्कूल ड्रेस में परिवर्तन करने के लिए भी कमेटी से अनुमोदन लेना होगा।

 

फीस एक्ट के मुख्य बिंदु

- एक्ट को प्रभावी बनाने के लिए स्टेट और जिला लेवल की कमेटियां होंगी गठित।

- कमेटियां करेंगी स्कूलों की मॉनिटरिंग और शिकायतों की सुनवाई।

- स्कूलों की होगी ग्रेडिंग, ग्रेड के हिसाब से तय होगी मैक्सिमम फीस।

- जिल स्तरीय फीस रेगुलेटरी कमेटी में 6 सदस्य होंगे।

- दो वर्ष होगा कमेटी का कार्यकाल।

- स्टेट कमेटी करेगी जिला कमेटियों द्वारा दिये गए निर्णय की समीक्षा।

 

स्टेट कमेटी के ये होंगे मेंबर

-सचिव विद्यालयी शिक्षा।

-निदेशक शिक्षा।

-शिक्षा सचिव द्वारा नामित सीए।

-पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर।

-सचिव द्वारा नामित पैरेंट्स।

-सचिव द्वारा नामित विद्यालय के मैनेजर व प्रिंसिपल।

 

ड्राफ्टिंग कमेटी के मेंबर

अपर सचिव, महानिदेशक, निदेशक शिक्षा आरके कुंवर, भूपेंद्र नेगी, अंबादत्त बलोदी, आनंद भारद्वाज, महिमा, प्रदीप जोशी।