गार्टनर ने हीलियम गुब्बारे से अंतरिक्ष के पास तक पहुँचने के बाद छलाँग लगाई और एक हजार किमी प्रति घंटे से भी ज्यादा की रफ्तार से धरती की ओर आए।

अपनी इस लंबी यात्रा में बॉमगार्टनर ने ध्वनि की रफ़्तार को भी पीछे छोड़ दिया और एक समय 1342 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार तक जा पहुंचे।

इस क्षण को वीडियो कैमरे के जरिए प्रसारित किया गया और 43-वर्षीय बॉमगार्टनर को जमीन तक आने में दस मिनट का समय लगा। जमीन के नजदीक आते ही कुछ हजार फीट की दूरी उन्होंने पैराशूट के जरिए तय की.Felix

बॉमगार्टनर ने जो भी नए रिकॉर्ड बनाए हैं, उन्हें अभी आधिकारिक घोषित नहीं किया गया है। इन्हें तब तक आधिकारिक घोषित नहीं किया जाएगा, जब तक कि एफएआई यानी फेरडरेशन एरोनॉटिक इंटरनेशनल समाक संस्था इसकी पुष्टि नहीं कर देती है।

चिंताएं

बॉमगार्टनर जब गुब्बारे से उतर रहे थे तब अंतिम समय में उनके हेलमेट के एक हीटर ने काम करना बंद कर दिया था, जिससे लोगों की चिंताएं बढ़ गई थीं। हेलमेट में साँस लेने के कारण भाप भर गया था।

जमीन पर उतरने के बाद बॉमगार्टनर ने हवा में अपने हाथ लहराए। तो उनके उड़ान भरने के स्थान से इस दृश्य को देख रहे उनके परिवार वाले खुशी से झूम उठे। बॉमगार्टनर की इस कोशिश ने उस रिकॉर्ड को तोड़ दिया जो पचास साल से टूटने का इंतजार कर रहा था।

इससे पहले गार्टनर एक बड़े हीलियम गुब्बारे में सवार होकर न्यू मेक्सिको के रॉसवेल से करीब साढ़े छत्तीस किमी। ऊंचाई की यात्रा पर निकले थे। वहां पहुंचने के बाद गार्टनर ने धरती पर वापस आने के लिए छलाँग लगाई। अभी तक इतनी ऊँचाई पर कोई भी व्यक्ति छलाँग लगाने के लिए नहीं गया था।

विशेष सूट

फेलिक्स बॉमगार्टनर ने इस साहसी कारनामे को अंजाम देने के लिए एक विशेष दबाव सूट पहना था ताकि उन्हें कोई ख़तरा न हो। इस सूट में विशेष हवा का दबाव बनाकर रखा गया था और ये उसी तरह का सूट था जैसा अंतरिक्ष यात्री पहनते हैं।

हालांकि ये छलांग फेलिक्स बॉमगार्टनर के साहसिक स्टंट्स का एक और कारनामा है लेकिन उनकी टीम का कहना है कि उन्हें तनाव भरा रोमांच पसंद आता है।

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