लाइसेंस बनवाते ही शुरू हो जाता है धमकाने, हफ्ता वसूली का खेल

जान पर खतरा कहकर बनवाते है अधिकारियों से लाइसेंसी हथियार

Meerut। शहर में गुंडई करने के लिए लाइसेंसी हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है। छह महीने में ऐसे कई मामले पुलिस के सामने आए हैं, जिसमें लाइसेंसी हथियार का प्रयोग लोगों को धमकाने, रंगदारी वसूलने, दहशत फैलाने, वसूली करने, डराने आदि में किया जा रहा है। उनके खिलाफ अभी तक कोई सख्ती कार्रवाई भी नहीं हुई है। जिससे यह किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते है।

7 नवंबर 2018

दीपावली के दिन सदर व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुनील दुआ ने भी अपनी लाइसेंसी पिस्टल से टैंट व्यापारी संदीप गुप्ता को गोली मार दी थी। गोली व्यापारी के हाथ पर लगी थी। सुनील दुआ का लाइसेंस भी निरस्त कराने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है।

22 अक्टूबर 2018

विवि में छात्र नेता ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से प्रोफेसर पर फायर किए थे। इसके बाद वह सीसीटीवी में कैद हो गया था। पुलिस ने छात्र नेता को गिरफ्तार कर लिया था। इसके खिलाफ भी कार्रवाई शुरू कर दी है।

12 अगस्त 2018

मेडिकल कर्मचारियों व डाक्टरों में आपस में झगड़ा हुआ था। जिसमें लाइसेंसी पिस्टल से सीएमएस डॉ। अजीत पर फायर किया गया था। जिसके चलते वह बाल-बाल बच गए थे। कर्मचारी नेता के खिलाफ जान लेवा हमला करने का मुकदमा दर्ज कराया गया था।

फर्जी लाइसेंस रखने पर गए जेल

13 मार्च 2018

गत् 13 मार्च की रात 2 बजे करीब तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी ने कोतवाली थाना क्षेत्र से एक लग्जरी कार को रोक लिया था। उसमें दो युवक मिले थे। उनकी गाड़ी में हथियार भी रखे हुए थे। पकड़े गए युवक मौहम्मद अजीम व बैग हुसैन ने बताया था कि वह मेरठ के एक पूर्व सांसद शाहिद अखलाख के गनर हैं। जांच में उनके लाइसेंस फर्जी पाए गए। पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया था।

2 अप्रैल 2018

कंकरखेड़ा पुलिस ने जब पूर्व विधायक योगेश वर्मा को गिरफ्तार किया था तब उसके पास बिना लाइसेंस के आधुनिक हथियार मिले थे। उसके दो गनर भी गिरफ्तार किए गए थे। उनके पास भी आधुनिक हथियार थे। लाइसेंस न मिलने पर गनर सुनील व भूपेश का आ‌र्म्स एक्ट में चालान किया था।

पिछले छह महीने में जिन लोगों ने लाइसेंसी हथियार का गलत इस्तेमाल किया है, उनके लाइसेंस कैंसिल करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।

अखिलेश कुमार, एसएसपी

लाइसेंस के लिए आवेदनों का ढेर

शहर में हथियारों के लाइसेंस पाने के लिए एसएसपी आफिस में आवेदनों का ढेर लग गया है। सबसे ज्यादा व्यापारी, चिकित्सक व नेताओं के आवेदन आए हैं। एसएसपी अखिलेश कुमार का कहना है कि सभी आवेदन पत्रों की जांच कराई जा रही है। हथियार की कितनी किसको जरूरत है। उसी हिसाब से फाइलों को आगे बढ़ाया जा रहा है। अब तक उनके पास शस्त्र लाइसेंस के लिए 2012 आवेदनों की फाइलें आ चुकी है।

सुनील दुआ की गिरफ्तारी को एडीजी से मिले व्यापारी

मेरठ टैंट डेकोरेटर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी सुनील दुआ की गिरफ्तारी के लिए एडीजी कार्यालय पहुंचे। उन्होंने एडीजी प्रशांत कुमार को एक शिकायती पत्र सौंपते हुए गोली चलाने वाले आरोपी सुनील दुआ की गिरफ्तारी की मांग करते हुए हंगामा किया। एडीजी ने आश्वासन देकर मामला शांत कराया।

सदर पुलिस के खिलाफ नारे

मेरठ मंडप एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश गुप्ता, मेरठ टैंट डेकोरेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल समेत कई व्यापारी सदर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए एडीजी ऑफिस पहुंचे। उन्होंने एडीजी प्रशांत कुमार को एक शिकायती पत्र सौंपा। उन्होंने आरोप लगाया कि सदर पुलिस की लापरवाही से सुनील दुआ अभी तक गिरफ्तार नहीं हो रहा है। जबकि वह खुलेआम घूम रहा है। उन्होंने मांग की है कि सुनील दुआ की जल्द ही गिरफ्तारी की जाए और उसका लाइसेंसी निरस्त किया जाए। इस अवसर पर सुशील कुमार गर्ग, राकेश बाटला, अपार मेहरा, सुनील कंसल आदि टैंट व्यापारी मौजूद रहे।