- पांच खिलाड़ी चल रहीं हैं अलका तोमर के पद चिन्हों पर
- एक बार फिर तैयार हो रही है महिला कुश्ती खिलाडि़यों की फौज
- चौधरी चरण सिंह विवि के कुश्ती स्टेडियम में करती हैं प्रैक्टिस
Meerut: कुश्ती में अलका तोमर ने मेरठ को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई। हरियाणा, पंजाब के इस खेल में अलका ने दिखाया कि कैसे मेरठ शहर की एक लड़की अपना दम दिखा सकती है। अलका ने ये करके भी दिखाया सिर्फ ओलंपिक मेडल को छोड़कर अलका के नाम हर मेडल है। आज अलका ने संन्यास ले लिया है। लेकिन उनके जाने के बाद अब तैयार हो रही है महिला पहलवानों की फौज। जो अलका के पद चिन्हों पर चलकर ही सफलता के झंडे गाड़ रहीं हैं। अभी भले ही इनकी शुरूआत है, लेकिन इनकी इसी शुरूआत में अलका का अक्स दिखाई पड़ता है। तो चलिए मिलाते हैं अपनी सिटी की पांच मिनी अलका तोमर से।
प्रियंका सिंह
अलका तोमर के कुश्ती छोड़ने के बाद प्रियंका सिंह ही वो नाम है, जिन्होंने महिला कुश्ती में फिर से आग फूंकी। प्रियंका अब तक क्ख् अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में शिरकत कर चुकी हैं। जिनमें से उसके नाम छह चैंपियनशिप में मेडल हैं। प्रियंका अलका तोमर की रिश्ते में बहन लगती हैं। प्रियंका ही वो नाम है जिससे अब भविष्य में मेरठ को कुश्ती में पदक की उम्मीदें हैं। जूनियर स्तर पर प्रियंका खुद को साबित कर चुकी हैं। अब सिर्फ जरूरत सीनियर स्तर पर अपना जलवा बिखेरने की है। सीनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में प्रियंका ख्0क्फ् में भाग ले चुकी हैं, लेकिन वहां उसे पांचवें स्थान से ही संतोष करना पड़ा।
मेडल
- चौथे कैडेट एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप: सिल्वर
- पांचवीं कैडेट एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप: गोल्ड
- छठीं एशियन कैडेट रेसलिंग चैंपियनशिप: सिल्वर
- जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप- ब्रांज मेडल
- जूनियर एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप- ब्रांज
- सीनियर फिमेल वर्ल्ड चैंपियनशिप: पार्टिसिपेट
- इंविटेशनल सीनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप: गोल्ड
- जूनियर एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप: पार्टिसिपेट
- जूनियर वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप: पार्टिसिपेट
- सीनियर एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप: पार्टिसिपेट
- सीनियर कॉमनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप- सिल्वर
- सीनियर वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप: पांचवा स्थान
फिलहाल मेरा ध्यान अभी वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में चुने जाने पर है। अगर मैं चुनी जाती हूं, तो इस बार मैं यहां मेडल लाने की पूरी कोशिश करूंगी। इसके लिए मैं पिछले काफी समय से तैयारी भी कर रही हूं।
प्रियंका सिंह, कुश्ती खिलाड़ी
शीतल तोमर
शीतल तोमर फिलहाल अभी कुश्ती की दुनिया में नया नाम है। लेकिन इस पहलवान से काफी उम्मीदे हैं। जिस तरह से शीतल ने हाल ही में हुई जूनियर एशियन चैंपियनशिप में कमाल का प्रदर्शन करके दिखाया है उससे तो ये कहा ही जा सकता है। शीतल भी अलका के ही गांव सिसौली की रहने वाली हैं। शीतल सात बार नेशनल चैंपियनशिप में भाग ले चुकी हैं। जिसमें से उसने पांच में मेडल हासिल किए हैं। जबकि दो बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भाग लिया और उनमें से एक में मेडल जीता।
- सब जूनियर एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप: पार्टिसिपेट
- जूनियर एशियन रेसलिंग चैंपिनशिप: ब्रांज
अभी तो मैं सीख रही हूं, मेरा लक्ष्य यही है कि मैं अलका तोमर की ही तरह विश्व में नाम फेमस कंरू।
शीतल तोमर, कुश्ती खिलाड़ी
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बबीता गुर्जर
बबीता गुर्जर सब जूनियर स्तर पर शानदार प्रदर्शन कर रही है। बबीता ने अभी तक पांच अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग लिया है। जिसमें से तीन बार बबीता ने मेडल हथियाया है। बबीता भी कुश्ती स्टेडियम की उन रेसलरों में से एक हैं जिससे काफी उम्मीदे हैं। शास्त्रीनगर निवासी बबीता गुर्जर से अब जूनियर स्तर पर भी ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद लगी हैं।
- सब जूनियर एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप: ब्रांज
- सब जूनियर वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप: पार्टिसिपेट
- सब जूनियर एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप: ब्रांज
- सब जूनियर वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप: आठवां स्थान
- सब जूनियर एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप: सिल्वर
मुझे पूरी उम्मीद है कि मैं जूनियर और सीनियर स्तर पर भी इसी प्रदर्शन को बरकरार रखूंगी। जिससे आने वाले समय में देश को कई मेडल जीता सकूं।
बबीता गुर्जर, कुश्ती खिलाड़ी
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दिव्यांशी त्यागी
बात दिव्यांशी त्यागी की करते हैं। दिव्यांशी यूं तो कुश्ती स्टेडियम का बड़ा नाम नहीं है। लेकिन कम समय में ही दिव्यांशी ने धमाल मचा दिया। अपने पहले ही अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप में दिव्यांशी ने मेडल पर कब्जा जमाकर दिखाया। हालांकि नेशनल लेवल पर दिव्यांशी नौ बार प्रतिनिधित्व किया है, जिनमें से सात में उसने मेडल पर कब्जा जमाया है।
- जूनियर एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप: ब्रांज मेडल
अभी तो मेरी शुरूआत है। मैं अपना ये प्रदर्शन जारी रखना चाहती हूं। जिससे आने वाले समय में एक बेहतर खिलाड़ी बनकर उभर सकूं।
दिव्यांशी, कुश्ती खिलाड़ी
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पूजा
पूजा भी अलका तोमर के गांव सिसौली की ही रहने वाली है। पूजा ने अलका को देखकर ही कुश्ती में करियर बनाने की सोची। भले ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अभी पूजा की शुरूआत है, लेकिन पूजा ने खुद को साबित करके दिखाया है। राष्ट्रीय स्तर पर पूजा चार बार प्रतिनिधित्व कर चुकी है और चारों ही बार उसने मेडल जीते।
- सब जूनियर एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप: ब्रांज
अभी मेरी शुरूआत है। लेकिन मैंने अलका दीदी से बहुत कुछ सीखा है। मैं उन्हीं के पद चिन्हों पर चलना चाहती हूं।
पूजा, कुश्ती खिलाड़ी