-नोएडा में बैठकर हैदराबाद में ठगी, जांच एसटीएफ को

-रायल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड में जॉब के नाम पर वसूली रकम

-इनकम टैक्स, सीबीआई और ईडी के नाम पर भी जमा कराये पैसे

yasir.raza@inext.co.in

LUCKNOW: व‌र्ल्ड के टॉप 15 बैंकों में से एक रायल बैंक ऑफ स्काटलैंड (आरबीएस) में मैनेजर की पोस्ट पर नौकरी के लिए अप्लाई करना हैदराबाद के एक शख्स को काफी महंगा पड़ गया। फर्जी वेबसाइट बनाकर एक कंपनी ने पहले अप्लाई करने के नाम पर उसे ठगा, फिर पैसे वापस देने के नाम पर वसूली की। यहन्ी नहीं इसके बाद विभिन्न सरकारी एजेंसियों के नाम पर भी युवक से कुल 52 लाख रुपये ऐंठ लिये। मामला यूपी के नोएडा से जुड़ा होने के कारण आंध्र प्रेदश पुलिस ने यूपी एसटीएफ से मदद मांगी है। अब एसटीएफ पूरे मामले की जांच कर रही है।

नोएडा से ऑपरेट हुआ एकाउंट

जानकारी के अनुसार, हैदराबाद के रहने वाले जीतेंद्र मंथा ने हैदराबाद पुलिस में शिकायत की थी कि रायल बैंक ऑफ स्काटलैंड मं जॉब दिलाने के नाम पर www.jobs2globe.com वेबसाइट के संचालकों ने उससे 52 लाख रुपये ठग लिये। हैदराबाद पुलिस ने जांच की तो पता चला कि जिन एकाउंट में पैसे जमा कराये गये वह यूपी के नोएडा से ऑपरेट हो रहे हैं। अब हैदराबाद पुलिस ने यूपी एसटीएफ से जालसाजों को पकड़ने के लिए मदद मांगी है।

वेबसाइट बनाकर की ठगी

एसटीएफ के एडीशनल एसपी त्रिवेणी सिंह ने बताया कि मंथा ने एक प्रतिष्ठित जॉब पोर्टल पर बैंक जॉब के लिए अपना प्रोफाइल अपलोड किया था। यह प्रोफाइल www.jobs2globe.com तक पहुंच गयी। यहां से नकुल ने मंथा को फोन कर बताया कि उसकी जॉब फाइनल हो गयी है, रिज्यूम को प्रोसेस करने के लिए पांच हजार रुपये जमा करने होंगे। मंथा ने पांच हजार रुपये बताये गये एकाउंट में जमा कर दिये। इसके बाद 22 हजार रुपये और जमा कराये गये। खुद को बैंक का अधिकारी बताकर सचिन ने मंथा से कहा कि आपका सेलेक्शन हो गया है, आपको स्कॉटलैंड मुख्य ब्रांच में ट्रेनिंग के लिए जाना होगा। इसके लिए आपको सवा लाख रुपये जमा करने होंगे। मंथा ने वह पैसे भी जमा कर दिये। जालसाज मंथा को मोटी कमाई का जरिया समझ कर बहाने से पैसे एकाउंट में जमा कराते रहे। जब तक मंथा को शक होता तब तक वह पांच लाख रुपये से अधिक जमा कर चुके थे।

पैसा वापस दिलाने के नाम पर भी वसूली

दोबारा आयी काल पर मंथा ने केस करने की धमकी दी तो दूसरे युवक ने फोन कर पैसे दिलाने के नाम पर मंथा से पैसे अपने एकाउंट में जमा कराने शुरू कर दिये। मंथा ने वहां भी पैसे जमा कर दिये। यह सब प्रोसेस चलता रहा और बहाने से मंथा से पैसे जमा कराये जाते रहे। जब जालसाजों को लगा कि अब और पैसे नहीं निकल सकते तो उन्होंने सीबीआई अफसर बनकर उसे डराना शुरू कर दिया कि तुमने जो पैसे जमा किये हैं, उसका हिसाब दो कि पैसे कहां से आये? मामले को रफा दफा करने के नाम पर यहां भी मंथा से काफी पैसे ऐंठे गये।

सीबीआई, ईडी, इंकम टैक्स के नाम पर वसूली

त्रिवेणी सिंह बताते हैं कि मंथा के पास सेंट्रल गवर्नर की विभिन्न एजेंसियों जैसे सीबीआई, ईडी, इंकम टैक्स का नाम बताकर जालसाज अलग अलग एकाउंट में पैसे जमा कराते रहे और मंथा जाल में पूरी तरह फंसता चला गया। लगभग साल भर में मंथा ने बैंक मैनेजर की जॉब के लिए और फिर उससे छुटकारा पाने के लिए 52 लाख रुपये खर्च कर दिये। जब इसकी शिकायत जीतेंद्र मंथा ने हैदराबाद पुलिस को की तो पुलिस ने इंक्वायरी शुरू की। इंक्वायरी में जिन खातों में पैसे जमा कराये गये थे, वह खाते यूपी के नोएडा के निकले। जालसाजों तक पहुंचने के लिए हैदराबाद पुलिस ने यूपी एसटीएफ के आईजी सुजीत पांडेय को लेटर लिखा। अब इस मामले की जांच एसटीएफ के एडीशनल एसपी त्रिवेणी सिंह कर रहे हैं।