- कुत्ता काटने से रेबीज का शिकार हो गए सुभाष नगर के शशि

- 2014 में जिला अस्पताल आए रेबीज के चार मरीज

Meerut शुक्रवार को रेबीज का एक और पेशेंट जिला अस्तपाल पहुंचा। यह इस साल का चौथा पेशेंट था। सुभाष नगर निवासी भ्0 साल के शशि कुमार को घर के पास एक पागल कुत्ते ने काट लिया था। शुरू में वो पागलों जैसी हरकत करने लगे थे। जिला अस्पताल में डॉ। सूरज पाल सिंह ने रेबीज इंजेक्शन लगाकर दिल्ली के लिए रेफर कर दिया। डॉ। सूरज पाल के अनुसार मरीज को मुंह पर बुरी तरह से काटा गया था। सिर, कंधे या फिर मुंह पर काटने से एकदम से ही रेबीज होने की संभावना होती है। अगर कुत्ता पागल हो तो निश्चित तौर पर रेबीज होता है।

ब्0 की एज में अधिक खतरा

जिला अस्पताल के डाक्टर सूरज पाल सिंह के अनुसार फ्0-ब्0 की उम्र से ऊपर के लोगों को जल्दी रेबीज होता है। इसके अलावा पागल कुत्ते के काटने पर तो किसी भी उम्र में रेबीज जैसी बीमारी हो सकती है। अगर कुत्ता सिर, मुंह या फिर कंधे पर काटता है तो उस कंडीशन में एकदम से रेबीज हो जाता है। अगर हाथ या पैर पर काटता है तो उस कंडीशन में ख्0-ख्भ् दिन में रेबीज होने के चांस होती है। इसलिए कुत्ते के काटने पर एकदम ही रेबीज का इंजेक्शन लगवाना चाहिए।

देता है भयंकर परिणाम

जिला अस्पताल के डॉक्टर सूरज पाल सिंह के अनुसार रेबीज का कोई भी इलाज नहीं होता है। मरीज जबतक जिंदा होता है उसे रेबीज के इंजेक्शन लगते रहते हैं। रेबीज वो बीमारी है, जिसमें इंसान पागलों की तरह हरकत करता है, कुत्तों जैसे भौकना, चीखना-चिल्लाना, इधर-उधर भागना, पानी से डरना एक तरह से इंसान पागल हो जाता है। डॉ। सूरज पाल के अनुसार इस बीमारी में कोई रेयर ही केस होता है, जिसमें मरीज जिंदा रहता है, वरना तो दो से चार दिन में मरीज की मौत ही हो जाती है।

रेबीज के अन्य केस

केस क्- लिसाड़ी गेट रहने वाले ब्0 वर्षीय अमित चौहान पागल कुत्ते के काटने से रेबीज का शिकार हो गए थे। यह केस ख्0 जनवरी को जिला अस्पताल में लाया गया था। मरीज को दिल्ली रेफर कर दिया गया था।

केस ख्- लिसाड़ी गेट में रहने वाला क्ब् साल का अंकुर शर्मा म् जनवरी को सुबह सैर के लिए जा रहा था। अचानक से आवारा कुत्ते ने उस पर हमला कर दिया था। जिला अस्पताल में कुछ दिन तक इंजेक्शन भी लगवाता रहा, लेकिन उसे रेबीज हो गया और दिल्ली रेफर कर दिया गया।

केस-फ् मार्च तीन को लावड़ इलाके की रामवती जब अपने घर के बाहर खाटिया पर बैठी हुई थी। अचानक से कुत्ते ने आकर सिर पर काट लिया। उसे भी जिला अस्पताल से दिल्ली रेफर कर दिया गया था।

रेबीज के लक्षण

- मरीज का गला चोक हो जाता है। वह बोलने में लड़खड़ाने लगता है।

- पीने के लिए पानी मांगता है, लेकिन पानी पी नहीं पाता। पानी से दूर भागने लगता है।

- पंखे, कूलर आदि की हवा सहन नहीं कर पाता। अंधेरे में रहना पसंद करता है। मरीज की लार टपकने लगती है। कई बार परिजनों के लिए भी खतरनाक हो जाता है।

इस वजह से होता है रेबीज

रेबीज के जीवाणु जानवर के काटने से मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। आमतौर पर कुत्ते या बिल्ली के काटने पर रेबीज होता है, लेकिन गाय, भेडि़या, ऊंट आदि के काटने पर भी रेबीज होने के मामले सामने आए हैं।

जिला अस्पताल में एक दिन सौ से भी अधिक रेबीज के इंजेक्शन लग जाते हैं। महीने में तीन हजार से भी ज्यादा इंजेक्शन रेबीज के लगाए जाते हैं। कुत्ता काटने पर ख्ब् घंटे के अंदर रेबीज का इंजेक्शन लगवा ही लेना चाहिए।

- डॉ। अंकित अग्रवाल, रेबीज वार्ड इंचार्ज, जिला अस्पताल