RANCHI: कांग्रेस में पिछले कई दिनों से चल रहा विवाद गुरुवार को सड़क पर आ गया। वर्चस्व की लड़ाई में प्रदेश अध्यक्ष डॉ। अजय कुमार और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय के समर्थक आपस में इस कदर भिड़े कि तू-तू, मैं-मैं, दोनों ओर से गुत्थमगुत्थी और लात-घूंसे के बीच एक घंटे तक कांग्रेस मुख्यालय रणक्षेत्र में तब्दील रहा। लगभग एक घंटे तक दोनों गुटों के कार्यकर्ता बीच सड़क पर एक-दूसरे से उलझते रहे, जिसे शांत करने के लिए पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ीं। लाठीचार्ज में आधा दर्जन से अधिक कांग्रेसी घायल हुए हैं, जबकि एक मीडियाकर्मी भी घायल हुआ है।

क्यों मचा बवाल

लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से ही कांग्रेस का अंदरूनी कलह सतह पर आ गया है और वरीय नेता लगातार प्रदेश अध्यक्ष डॉ। अजय कुमार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। एक दिन पहले प्रदेश अध्यक्ष को ही कांग्रेस कार्यालय में घुसने से रोक दिया गया था, वहीं इसके अगले दिन प्रदेश अध्यक्ष डॉ। अजय कुमार ने दो नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। गुरुवार को दूसरे गुट के लोग गोलबंद हुए तो कोल्हान और रांची से प्रदेश अध्यक्ष के समर्थक तीन दर्जन गाडि़यों से कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे। यहां पहले से निष्कासित नेता सुरेंद्र सिंह और राकेश सिन्हा प्रेस कांफ्रेंस करना चाहते थे। इन्हें प्रेस कांफ्रेंस करने से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के समर्थकों ने रोका और बाहर धकेल दिया। इसके बाद कार्यालय के बाहर सड़क पर हंगामा होने लगा। दोनों ओर से धक्का-मुक्की और मारपीट रोके नहीं रुकी तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।

परिवार को टिकट बांटना होगा बंद : डॉ। अजय

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ। अजय कुमार ने कांग्रेस भवन से सुबोधकांत समर्थकों को खदेड़ने के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें कोयला चोरी और सीबीआइ जांच में फंसे लोगों से राजनीति नहीं सीखनी। जिंदगी भर झारखंड में सेवा की। आइपीएस रहते हुए गोली खाई है और ईमानदारी की राजनीति की है। 20 लोगों के साथ अगर कोई मुझे रोकने की चेष्टा कर सकता है तो मेरे पास कार्यकर्ताओं की कमी नहीं है। उन्होंने नाम लेकर कहा कि सुबोधकांत सहाय इतना गिर सकते हैं कभी सोचा नहीं था। लड़ाई मुझसे नहीं है। लड़ाई इस बात की है कि खुद सांसद का चुनाव लड़ेंगे और भाई को हटिया से लड़ाएंगे, मेयर सीट पर भी कब्जा चाहिए। ददई दुबे का नाम लिए बगैर कहा कि खुद तो बोकारो से लड़ना चाहते हैं और बेटे को पलामू से टिकट चाहिए। प्रदीप बलमुचु के बारे में भी उन्होंने कहा कि खूंटी और सिंहभूम से खुद और बेटी के लिए इन्हें टिकट चाहिए। फुरकान अंसारी का नाम लिए बगैर कहा कि इन्हें खुद और बेटे के लिए गोड्डा और मधुपुर की सीट चाहिए। ऐसे नेता नए लोगों को आगे नहीं बढ़ने दे सकते हैं लेकिन इस बार कांग्रेस नए चेहरों और युवाओं को टिकट देगी। परिवार को टिकट बांटना बंद होगा।

'असामाजिक तत्वों के साथ आए थे डॉ अजय'

निष्कासित नेता सुरेंद्र सिंह और राकेश सिन्हा ने आरोप लगाया कि प्रदेश अध्यक्ष डॉ। अजय कुमार कुछ असामाजिक तत्वों के साथ पहुंचे थे जो खुद ही हरवे-हथियार से लैस थे। जिस प्रकार से प्रदेश अध्यक्ष ने वरीय नेता सुबोधकांत सहाय और अन्य नेताओं का नाम लेकर अनर्गल बयान दिया है उस हिसाब से उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष झल्लाहट में हैं। हम लोग सिर्फ यह कहने के लिए प्रेस कांफ्रेंस बुलाए थे कि कांग्रेस संविधान के अनुसार किसी पर कार्रवाई होनी चाहिए ना कि अपने मन से। डॉ। अजय कुमार बौखलाकर ऐसे निर्णय ले रहे हैं।