पब्लिक ने लगाया पुलिस पर आरोप, मेडिकल के बाद भी जवानों के चोटिल होना बताने से कतराये अफसर

PRAYAGRAJ:

प्रधानमंत्री के आह्वान पर पब्लिक सड़क पर थी। स्ट्रीट लाइटों के साथ घरों की लाइटें बुझा दी गयी थीं। पब्लिक घरों से बाहर आ गयी थी। अंधेरे में गैदरिंग रोकने के लिए अरदब दिखाना पुलिसवालों को भारी पड़ गया। दो पुलिसवालों को पब्लिक ने पीट दिया। इस प्रकरण पर अफसरों ने खामोशी ओढ़ ली है। उनका कहना है कि हल्की झड़प हुई थी। किसी को चोट नहीं आयी है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। लेकिन, कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।

रात 9.05 बजे की घटना

प्रधानमंत्री ने संडे नाइट नौ बजे से नौ मिनट तक घरों की लाइटें बंद करके पब्लिक से दिया, मोमबत्ती, टार्च अथवा मोबाइल का फ्लैश लाइट जलाने का आह्वान किया था। इसके समर्थन में रामभवन चौराहा से लेकर सुलाकी चौराहे के बीच में भी लोगों ने लाइटें बंद कर दी थीं। रात नौ बजकर पांच मिनट पुलिस गश्त पर निकली तो इस एरिया में पहुंच गयी। सामने तमाम लोग इकट्ठा थे। इन लोगों के हाथ में टार्च, मोबाइल आदि था। सूत्रों का कहना है कि पुलिसवालों ने इन लोगों से दूरी बनाने को कहा। इसी को लेकर विवाद की शुरुआत हुई। अति उत्साही पब्लिक ने पुलिसवालों को टोक दिया और टिप्पणी की। इसी पर बवाल हो गया। अंधेरा होने के चलते पुलिसवाले अकेले पड़ गये क्योंकि उनकी संख्या दो थी। सूत्र बताते हैं कि पब्लिक ने इन दोनों की पिटायी कर दी। सूचना मिलने पर उन्हें काल्विन हॉस्पिटल में प्राथमिक उपचार के लिए ले जाया गया। इस पर सोमवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने एसपी सिटी से पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि भीड़ लगाकर पब्लिक खड़ी थी। पुलिस ने रोका तो बहस हुई। कोई मारपीट की बात नहीं हैं। उन्होंने यह भी स्वीकारा कि दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे थे।

किसी भी पुलिसकर्मी को चोट नहीं आयी है। लाइट कटने के दौरान भीड़ लगी थी। इसे हटाने के दौरान झड़प हुई है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।

बृजेश कुमार श्रीवास्तव

एसपी सिटी