-फाइलेरिया अभियान में रजिस्टर पर दर्ज होंगे दवा खाने वालों के नाम

-न खाने वालों से पूछी जाएगी वजह, टीम खिलाएगी खुराक

BAREILLY:

बरेली में फाइलेरिया के खिलाफ मुहिम भले ही अन्य जिलों के मुकाबले एक महीना देरी से शुरू होगी। लेकिन इस बीमारी से लड़ने के लिए मलेरिया विभाग अभी से तैयारियों में जुट गया है। नए साल में जनवरी के दूसरे पखवाड़े से शुरू हो रही फाइलेरिया के खिलाफ मुहिम में नई पहल की जा रही है। अभियान में शामिल टीमें घर-घर जाकर फाइलेरिया व एल्बेंडाजोल की दवा तो बांटेंगी। साथ ही, दवा खाने वालों का पूरा रिकार्ड भी दर्ज करेंगे। अभियान के दौरान जिन लोगों ने दवा न खाई होगी, उनके भी नाम दर्ज होंगे साथ ही दवा न खाने से उनकी वजह भी जानी जाएगी।

सिर्फ बांटने तक नहीं जिम्मा

फाइलेरिया के खिलाफ मुहिम में हर साल डिस्ट्रिक्ट मलेरिया विभाग डीईसी और एल्बेंडाजोल दवा बांटता है। लेकिन विभाग की क्रॉसचेक रिपोर्ट में सामने आया कि ज्यादातर लोग दवा लेने के बावजूद उसे खाते ही नहीं थे। ऐसे में, इस बार टीम न सिर्फ दवा बांटेगी। बल्कि उन्हें दवा की पहली खुराक भी खिलाएगी। घर-घर जाकर दवा बांटने वाले टीम के मेंबर्स को पहले ड्रग डिस्ट्रिब्यूटर कहा जाता था। लेकिन नई व्यवस्था में उन्हें ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर कहा जाएगा।

हर घर का बनेगा रिकॉर्ड

पोलियो की तरह फाइलेरिया बीमारी के केसेज में पूरी तरह रोकथाम लगाने में सरकारी कसरतें फिलहाल परवान नहीं चढ़ पाई हैं। ऐसे में अभियान के दौरान टीम हर घर के लिए दवा खाने का रिकार्ड बनाएगी। विभाग की ओर से सभी टीमों के लिए रजिस्टर की व्यवस्था की जाएगी। जिसमें सीएचसी-पीएचसी का नाम, गांव-शहरी एरिया का नाम, परिवार के मुखिया का नाम, सदस्यों की संख्या, उनके नाम, उम्र, लिंग, टैबलेट की तय खुराक, दवा न खाने की वजह, इलाज की तारीख और दवा खाने के बाद उनका रिस्पांस-रिएक्शन भी दर्ज किया जाएगा।

7 वजहें की गई शामिल

विभाग की ओर से लोगों में उन वजहों को जुटाने की कोशिश की जा रही हैं। जो फाइलेरिया की दवा न खाने के लिए जिम्मेदार हैं। इस कड़ी में विभाग की ओर से जो रजिस्टर तैयार किए जा रहे उनमें 7 वजहों को कोड सहित रखा गया है, जो फाइलेरिया की दवा न खाने के लिए जिम्मेदार हैं। इनमें पहली वजह प्रेग्नेंट महिला, दूसरी वजह 2 साल से कम उम्र के बच्चे, तीसरी वजह बीमारी, चौथी वजह दवा लेने से ही इनकार करना, पांचवी वजह गैर मौजूद रहना, छठी वजह मकान का बंद होना और सातवीं वजह अन्य कारण के तौर पर शामिल की गई है। इसके अलावा टीमों को ली गई दवा और इलाज में बांटी गई दवा का ब्यौरा भी रखना होगा।

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बरेली में फाइलेरिया बीमारी के खिलाफ अभियान में टीमों को इस बार अपने सामने ही दवा की खुराक खिलाने का जिम्मा दिया जाएगा। हर घर के लिए एक रिकॉर्ड बनेगा। दवा न खाने वालों का रिकॉर्ड और इसकी वजह भी दर्ज की जाएगी। - डॉ। पीके जैन, डीएमओ