जमकर हुई ब्लैक

सिटी की पब्लिक में धूम-3 देखने की होड़ ने टिकट ब्लैक करने वालों को 10 दिन पहले ही न्यू ईयर सेलब्रेट करने का मौका दे दिया। जी हां, टिकट खिड़की पर धूम-3 की टिकट न मिलने पर लोगों ने ब्लैक में टिकट खरीदने पर मजबूर कर दिया। लोग शो शुरू होने से एक घंटा पहले ही टिकट खरीदने के लिए पहुंच गए। लंबी लाइनों में लगने बाद भी सैकड़ों लोगों को टिकट से महरूम रहना पड़ा, जिसके बाद उन्हें ब्लैक में टिकट लेकर फिल्म देखनी पड़ी।

 

टिकटों की मारामारी

जहां मल्टी स्क्रीन सिनेमाहॉल में पहले से ही हाउसफुल के बोर्ड टंगे थे, वहीं सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल्स में लोगों को टिकट खरीदने के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ी। टिकट की मारामारी सबसे ज्यादा सिंगल सक्रीन सिनेमाहॉल्स में ही देखने को मिली। लोगों को सामने की भी टिकट नसीब नहीं हुई। जो लोग हमेशा से ही मल्टीप्लेक्स में ही फिल्म देखने के शौकीन हैं उन्हें भी सिंगल स्क्रीन के दर्शन करने पड़ गए।

120 का टिकट 300 में

लोगों को सिंगल स्क्रीन में भी मल्टीप्लेक्स का चार्ज देकर फिल्म देखनी पड़ी। सिंगल स्क्रीन में जिस कैटेगरी का टिकट 120 रुपए था वो लोगों को 300 रुपए में खरीदना पड़ा। वहीं जो टिकट खिड़की पर टिकट 60 रुपए का है वो ब्लैक में 170 रुपए लोगों ने खरीदा। जिस टिकट की कीमत 90 रुपए होती है वो टिकट लोगों को ब्लैक में 200 रुपए में खरीदा।

नहीं हुई कोई चेकिंग

ताज्जुब की बात ये रही कि किसी भी सिनेमा हॉल के आसपास कोई भी पुलिस का आदमी नजर नहीं आया। ब्लैक  टिकट करने वाले आसानी से अपना काम करते रहे। सिनेमा हॉल के ऑनर और उनके कर्मचारियों ने भी काफी खुली छूट दी। रीगल सिनेमा के बाहर टिकट बेचने वाले ने अपनी आईडेंटीटी छुपाने की शर्त पर बताया कि काफी सालों बाद तो ऐसा मौका आया है कि ऐसी कोई फिल्म आई है। वरना जितनी फिल्में आती है उनकी सारी भीड़ मल्टीप्लेक्स में चली जाती है, जिससे सिंगल स्क्रीन खाली ही रहते हैं।

लौट आया 80 का दशक

वहीं कई लोगों ने टिकट ब्लैक होते देख 80 और 90 के दशक को भी याद किया। वहीं सिनेमा हॉल ऐसोसिएशन वालों ने भी इसे उन दिनों को याद कर नजर अंदाज कर दिया। ऐसोसिएशन के प्रेसीडेंट अजय गुप्ता ने कहा कि साल की आखिरी बड़ी फिल्म रिलीज हुई है। ऐसे में इसका कौन फायदा नहीं उठाना चाहेगा। वैसे भी आज के दौर में टिकट के ब्लैक होने की खबरें कहां सुनने को मिलती है। वो दौर तो 80 और 90 का था। जब टिकट ब्लैक करने वालों का पूरा गैंग होता था। वो हफ्तों होता था।