उन्नाव में मिली थी डेडबॉडी

शासकीय अभियोजन अधिकारी एडवोकेट राजेंद्र प्रसाद उत्तम ने बताया कि 15 गवाहों की गवाही के बाद एडीजे-10 की कोर्ट में फैसला सुनाया गया.  मामला 9 जुलाई 2009 का है। किदवई नगर निवासी ट्रंासपोर्टर पवन महेश्वरी के 14 साल के बेटे करन का अपहरण कर लिया गया था। अपहरणकर्ताओं ने फिरौती में 3 लाख रुपये मांगे थे। करन के पिता पवन दो लाख रुपये लेकर किडनैपर्स के बताए ठिकाने पर पहुंचे। लेकिन पैसे मिलने के बाद भी अपहरणकर्ताओं ने करन को नहीं छोड़ा। पवन ने 12 जुलाई को किदवई नगर थाने में अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच में जुटी पुलिस को शुक्लागंज रेलवे क्रॉसिंग के पास से करने की डेडबॉडी मिली। उसकी गला रेत कर हत्या की गई थी।

करन का दोस्त ही था साजिशकर्ता

पुलिस ने मामले में हैरिसगंज निवासी करन के दोस्त अंकित अवस्थी, उसके भाई अभिषेक, पिता अनिल कुमार, मां मिथलेश और हैरिसगंज में ही रहने वाले जयनारायण उर्फ जैकी और उसके भाई अनिरूद्ध को गिरफ्तार किया था। पर्याप्त सबूतों के आधार पर शनिवार को इन सभी को उम्र कैद की सजा सुनाई गई। इसके साथ ही अंकित, अभिषेक और जयनारायण पर 45-45 हजार रुपये और बाकी पर 35-35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। साथ ही वादी को 2 लाख रुपये देने का फैसला भी दिया।